भक्ति धारा वाहिनी का यह होगा मार्ग इस कार्यक्रम में घोषवादन के साथ भक्ति धारा वाहिनी के रूप में स्वयंसेवक रेलवे स्टेशन चौराहा, श्रीराम चौराहा, नकाश दरवाजा, रामपोल, ब्रह्मपुरी, किले की ढाल से होते हुए गांधी चौक पहुंचेंगे। पण्णव, आणक, शंख, झांझ, वेणु (वंशी) व त्रिभुज आदि भारतीय वाद्यों से सुसज्जित घोष वादन के साथ स्वयंसेवक गांधी चौक पहुंचेंगे।
शक्ति धारा वाहिनी का इन मार्गों पर होगा पथ संचलन इसी प्रकार कांकरिया स्कूल के मुख्य द्वार से भक्ति धारा वाहिनी से अलग शक्ति धारा वाहिनी के रूप में स्वयंसेवक शहर के आंतरिक भाग से पथ संचलन करते हुए निकलेंगे। यह वाहिनी अहिंसा सर्किल, नया दरवाजा, लोहिया का चौक, तुलसी चौक काठङिया चौक, मच्छियों का चौक से होती हुई त्रिपोलिया पहुंचेगी। भारतीय शास्त्रीय रचना श्रीराम, भूप, किरण, शिवरंजनी, मीरा व मंगला आदि बजाते हुए स्वयंसेवकों की यह वाहिनी ठीक 3:33 पर गांधी चौक पहुंचेगी, जहां इस वाहिनी का भक्ति धारा वाहिनी से संगम होगा। बाद में दोनों वाहिनियां दिल्ली दरवाजा होते हुए विजय वल्लभ चौराहे से सैनिक क्षत्रिय माली समाज भवन हनुमान बाग पहुंचेंगी, जहां पथ संचलन का समापन होगा।
कांकरिया स्कूल में होगा शारीरिक प्रदर्शन व बौद्धिक कार्यक्रम पथ संचलन से पूर्व नगर के स्वयंसेवकों की ओर से सामूहिक रूप से शारीरिक प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें योग, नियुद्ध, दंड योग व आसन आदि का प्रदर्शन होगा। स्वयंसेवकों की ओर से समवेत स्वर में सामूहिक गीत ‘संघ किरण घर-घर देने को, अगणित नंदा दीप जले। मौन तपस्वी साधक बनकर, हिमगिरि सा चुपचाप गले’ गीत गाया जाएगा।
विविध संस्थाएं, सामाजिक संगठन करेंगे स्वागत इन दोनों संचलनों का विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक तथा व्यापारिक संगठनों की ओर से स्वागत किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न संगठनों की ओर से शहर में जगह-जगह स्वागत द्वार व बैनर लगाए गए हैं। साथ ही गणमान्य नागरिक, मातृशक्ति व मोहल्ले की स्वागत समितियों की ओर से संघ के गुरु प्रतीक भगवा ध्वज पर पुष्प वर्षा करके श्रद्धा वंदन व सम्मान किया जाएगा। दोनों ही वाहिनियों में संघ के न्यूनतम तीन-तीन घोष की स्वर लहरियां राष्ट्रभक्ति भावों का संचार करेंगी।