इसके बाद मीरा स्मारक में आयोजित कार्यक्रम में सांसद दीया ने कहा कि मेड़ता भक्ति, शक्ति और त्याग की पवित्र भूमि है। मां मीरा ने अपना पूरा जीवन श्रीकृष्ण की भक्ति में समर्पित कर दिया। अगर मीराबाई इतना कुछ कर सकती है तो हम भी संकल्प ले कि समाज व मातृशक्ति के लिए हमें कुछ करना है। राजऋषि समताराम महाराज ने कहा कि तपस्विनी मीरा ने अपने जीवन में ईश्वर को सर्वत्र मानते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए संदेश दिया कि परमात्मा को पाना है तो संघर्ष करना होगा। मीरा ने संघर्ष भी किया और समर्पण भी। शाम को देरानी तालाब में दीपदान कार्यक्रम हुआ। जहां 5100 दीपों से सरोवर के घाटों को रोशन किया गया। अब लगातार आठ दिन तक अखंड हरि-कीर्तन होगा। मीरा स्मारक में 25 से 27 अगस्त तक भक्ति संध्या होगी। एकादशी को रजत रेवाड़ी की शोभायात्रा के साथ मीरा महोत्सव का समापन होगा।