नागौर

राजस्थान के इस जिले के 45 पुलिसकर्मियों ने लिया VRS, जानिए क्या है वजह

काम के दबाव से उपजा तनाव कहें या परिवार के साथ सुकून की तलाश। अपनी इच्छा से वीआरएस लेने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ती जा रही है।

नागौरJul 04, 2023 / 05:03 pm

Nupur Sharma

नागौर/ पत्रिका। काम के दबाव से उपजा तनाव कहें या परिवार के साथ सुकून की तलाश। अपनी इच्छा से वीआरएस लेने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले साल दो एसआई समेत नौ ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है। इस साल में भी इसके लिए कई प्रार्थना-पत्र पहुंच चुके हैं। छह-सात साल से वीआरएस लेने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इनमें वो शामिल नहीं हैं जो अपनी इच्छा से नौकरी छोड़ गए।


यह भी पढ़ें

पानी की बाल्टी में मिला 7 माह के मासूम का शव, इस वजह से जताई जा रही हत्या की आशंका

सूत्रों के अनुसार वर्ष 2022 में दो एसआई, दो एएसआई, तीन हैड कांस्टेबल तो दो कांस्टेबल ने वीआरएस लिया था। करीब सात साल में 45 पुलिसकर्मी ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है। अपनी इच्छा से नौकरी छोड़ने के लिए इस्तीफा देने वालों को शामिल करें तो यह संख्या करीब डेढ़ सौ से अधिक है। इनमें अधिकांश कांस्टेबल हैं।

बताया जाता है कि बढ़ते मानसिक तनाव के चलते वीआरएस लेने वाले अभी और बढ़ेंगी। फरियादी से लेकर आस-पड़ोस तक ही नहीं अपने मित्र-परिवार वालों से बात-बात पर करीब दस फीसदी नौकरी/काम से परेशान होने और जल्द वीआरएस लेने की बात कहने में भी नहीं चूकते, हालांकि इनमें छोड़ता कोई नहीं। पुलिस अफसर भी ये बात कबूल कर रहे हैं कि लम्बी ड्यूटी के बाद काम का बोझ ही नहीं अवकाश का ठीक से नहीं मिल पाना भी इसकी वजह है।

सूत्रों का कहना है कि विभागीय कार्रवाई के चलते लाइन हाजिर अथवा निलम्बित कई पुलिसकर्मी लम्बे समय से छुट्टी पर चल रहे हैं सो अलग। कुछ ऐसे पुलिसकर्मी भी हैं जिन्होंने ना वीआरएस के लिए एप्लाई किया ना ही मेडिकल लगाया, सीधा नौकरी छोड़ दी। वीआरएस लेने वालों में कांस्टेबलों की संख्या ज्यादा है।


यह भी पढ़ें

कॉलेज परिसर में लाई गई अंबेडकर की मूर्ति, छोड़कर फरार हुए छात्र, वीडियो हुआ वायरल

आंकड़ों की जुबानी
सूत्र बताते हैं कि वर्ष 2016 में एक एएसआई, दो कांस्टेबल तो वर्ष 2017 में एक एएसआई व चार कांस्टेबल ने वीआरएस लिया। वर्ष 2018 में वीआरएस लेने वालों में 18 कांस्टेबल जबकि एक कांस्टेबल तो वर्ष 2019 में एक हैड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल थे। वर्ष 2020 में दो हैड कांस्टेबल, वर्ष 2021 में एक एएसआई, एक हैड कांस्टेबल व तीन कांस्टेबल तो वर्ष 2022 में दो एसआई, दो एएसआई, तीन हैड कांस्टेबल व दो कांस्टेबल ने वीआरएस लिया। वर्ष 2022 का आंकड़ा सर्वाधिक है।

लम्बे तनाव के बाद फैसला
सूत्रों की माने तो वीआरएस का फैसला कोई पुलिसकर्मी यकायक नहीं कर रहा। लम्बे समय तक अपनी मनमाफिक पोस्टिंग/ट्रांसफर के साथ अपने अफसरों से राहत की उम्मीद लगाता है। कुछ महीने अवकाश के बाद कहीं वीआरएस लेने की हिम्मत जुटा पाता है। यह भी सामने आया कि इससे अलग काफी संख्या में कांस्टेबलों ने इसलिए वीआरएस लिया, जिससे वो अन्य लक्ष्य को प्राप्त करें।

Hindi News / Nagaur / राजस्थान के इस जिले के 45 पुलिसकर्मियों ने लिया VRS, जानिए क्या है वजह

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.