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म़तक सचिन और गौरव के परिजनों ने कहा कि भाजपा ने सिर्फ हमारा इस्तेमाल किया। हमारे दर्द को मुद्दा बनाकर सत्ता में आ गए। इनकी प्रदेश में सरकार है। लेकिन अब इनके मंत्री हमें नहीं मिलते। सचिन और गौरव के परिजन प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा पर भी जमकर बरसे। उन्होंने कहां की गन्ना मंत्री सुरेश राणा तब तो लंबी-चौड़ी बात करते थे। कहते थे कि आजम खां को बस में जेल भिजवाया जाएगा। आज वे भी उस बात को भूल कर आजम खान के दोस्त हो गए हैं। आज सुरेश राणा भी हमें भूल गए हैं। सरकार बनने के बाद एक बार भी हमारे यहा नहीं आए। मीडिया के माध्यम से हम बताना चाहते हैं कि प्रदेश सरकार को, आपने हमारे दर्द का क्या किया। आपने हमारे दर्द का कैसे उपयोगकर लिया। आपने हमें हर जगह इस्तेमाल किया, लेकिन आज तक हमारे लिए कुछ नहीं किया। सुरक्षा के लिए भी केवल एक लाइसेंस दिया है। वह भी लखनऊ से निरस्त हो गया। किसी ने भी आज तक हमारे दर्द को नहीं जाना।
गौरतलब है कि जनपद मुजफ्फरनगर में 27 अगस्त 2013 को थाना जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कव्वाल में स्कूल से वापस लौट रही छात्रा से छेड़छाड़ को लेकर छात्रा के भाइयों सचिन और गौरव ने छेड़छाड़ के आरोपी युवक की पिटाई शुरू कर दी थी, जिससे शाहनवाज की मौत हो गई थी। इसके बाद मृतक युवक के समुदाय के लोगों की भीड़ ने सचिन और गौरव की भी पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद दोनों ओर से हुई नामजदगी को लेकर पंचायतों का दौर शुरू हो गया था, जिसमें सबसे पहले 29 अगस्त को मुजफ्फरनगर के खालापार में मुस्लिम समुदाय के लोगों की पंचायत हुई और फिर गौरव के पक्ष में 30 अगस्त को नांगला मंदौड़ में और 7 सितंबर को नंगला मंदौड़ इंटर कॉलेज के मैदान में जाटों की पंचायत से लौट रहे लोगों पर जगह-जगह झड़प होने के बाद इस घटना के प्रतिशोध में पूरा मुजफ्फरनगर दंगे की आग में झुलस गया था। इस दंगे में 60 से भी ज्यादा लोगों की जान चली गई थी, जबकि हजारों परिवार बेघर हो गए थे। कुछ परिवार आज भी कैंप में रहने को मजबूर हैं।
27 अगस्त 2013 को कवाल गांव में सचिन और गौरव की पीट-पीटकर हत्या के बाद से लेकर भाजपा के तमाम बड़े नेता मृतकों के गांव मलिकपुरा में आते रहे और तमाम तरह के आश्वासन उनके परिवार को देते रहे। मुजफ्फरनगर में हुए दंगे के बाद हुए वोटों के ध्रुवीकरण के कारण केंद्र में भाजपा सत्ता पर काबिज हो गई और उसके बाद उत्तर प्रदेश में भी भाजपा की सरकार बन गई। यह बात 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले बुढाना से वर्तमान विधायक उमेश मलिक एक चुनावी सभा में पहले ही कह चुके हैं कि मुजफ्फरनगर में दंगे की वजह से आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं।
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मृतक सचिनऔर गौरव के परिजनों का दर्द अब यही है की उस समय जो भाजपा नेता उन्हें आश्वासन देते रहे। अब वह ढाक के तीन पात साबित हो रहे हैं। पिछले 5 साल से भाजपा नेताओं के आश्वासन का बोझ ढो रहे रविंद्र सिंह का मीडिया के सामने मंगलवार को दर्द छलक उठा। रविंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें इंसाफ की आस है और जल्द ही उन्हें इंसाफ मिल सकता है। आज उनकी याद में उनकी पुण्यतिथि मनाई ग, जो लोग यहां आए हैं उनका स्वागत है। उन्होंने कहा कि जो हमारे दुख दर्द में शरीक होने आए हैं, वह हमारे हमदर्द हैं। उन्होंने कहा कि परिवार की ओर से हम कहना चाहते हैं कि जिस समय यह कांड हुआ था, उस समय केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं थी। उस समय यहां राजनाथ सिंह जो अब वर्तमान में गृहमंत्री हैं। प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण सभी नेता यहां आए और इसे मुद्दा बनाकर केंद्र में सरकार बना ली। इसके बाद प्रदेश में सरकार बना ली। हर मंच पर मुजफ्फरनगर दंगे को मुद्दा बनाकर भुना लिया। लेकिन, जब इनकी सब जगह सरकार आ गई तो हमें भूल गए। मलिकपुरा को प्रदेश सरकार का कोई मंत्री आज तक उनके घर नहीं आया। क्षेत्रीय अध्यक्ष भी कभी उनके घर नहीं आया। चुनावी मंच पर खुलकर सचिन और गौरव का नाम लिया जाता था। उन्होंने कहा कि भाजपा उनकी अर्थी पर रोटी सेंककर राजनीति कर रही थी।