ये भी पढ़ें- 10 साल बाद मां को जिंदा देख रो पड़े बच्चे उत्तर प्रदेश का मुजफ्फरनगर इलाका जेंडर अनुपात में प्रदेश में निचले पायदान पर है। यहां पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या कम है। एक समय इस इलाके में बच्चियों का पैदा होना अभिशाप माना जाता था, लेकिन इस इलाके में इस नई पहल से मातृशक्ति को सही मायने में अब पहचान मिल रही है। लंबे समय से घरों के बाहर नेमप्लेट पर पुरुष सदस्यों के ही नाम लिखे जाने की परंपरा रही है। लेकिन, मुजफ्फरनगर में यह परंपरा अब बदल रही है। बालिकाओं के सम्मान में, यहां के 200 से अधिक घरों में अपनी बेटियों के नाम की नेम प्लेट लगाई है। जिला प्रोबेशन अधिकारी मोहम्मद मुस्तकीम ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में बेटियों के नाम पर विभिन्न गांवों में घरों के दरवाजों पर नेम प्लेट लगायी गई हैं। अभियान अब भी जारी है।
ये भी पढ़ें- पति ने पत्नी को दौड़ा दौड़ा कर पीटा, वायरल हुआ वीडियो बाल विकास विभाग की पहल-
नेम प्लेट की यह प्रेरक पहल महिला और बाल विकास विभाग द्वारा कुछ सप्ताह पहले शुरू की गयी थी। इस अभियान के तहत जिन परिवारों में बेटियां नहीं हैं, उन्हें घर की महिलाओं पत्नी या मां के नाम की नेमप्लेट लगवाने के लिए कहा गया। अधिकारियों ने गांव-गांव जाकर लोगों को इस चलन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। अधिकांश लोगों ने खुशी-खुशी इसे स्वीकार कर लिया।
नेम प्लेट की यह प्रेरक पहल महिला और बाल विकास विभाग द्वारा कुछ सप्ताह पहले शुरू की गयी थी। इस अभियान के तहत जिन परिवारों में बेटियां नहीं हैं, उन्हें घर की महिलाओं पत्नी या मां के नाम की नेमप्लेट लगवाने के लिए कहा गया। अधिकारियों ने गांव-गांव जाकर लोगों को इस चलन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। अधिकांश लोगों ने खुशी-खुशी इसे स्वीकार कर लिया।
हरियाणा में भी चला था अभियान- ऐसा ही एक अभियान पंजाब और हरियाणा में चलाया गया था, जहां जेंडर अनुपात में खासी गिरावट आई थी। उन राज्यों में इस पहल के उत्साहजनक नतीजे देखने को मिले थे। अब उत्तर प्रदेश ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए इस अभियान को अपनाया गया है।