हापुड के थाना सिंभावली छेत्र में स्थित सिंभावली शुगर मिल पर मंगलवार को सपा के पूर्व मंत्री मदन चौहान सहित हजारों किसानों की भीड़ ने शुगर मिल का घेराव किया । इस दौरान किसानों और सपा समर्थकों ने गन्ने का भुगतान,बिजली की बढ़ी दरें और स्थानीय समस्याओं को लेकर शुगर मिल का घेराव किया । इस मौके पर किसानों ने यहां पहुंच एसडीएम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपा। इसके साथ ही प्रदेश और केंद्र सरकार पर सपा नेता और पूर्व मंत्री ने जमकर निशाना साधा । प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की मांग पूरी न होने पर संसद का घेराव और उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी । मदन चौहान ने बताया कि सरकार अपने वादे से मुकर रही है। हापुड़ के किसानों का सिंभावली शुगर मिल पर 275 करोड़ बकाए का भुगतान होना बाकी है। वहीं, बिजली की बढ़ी दरों ने किसानों की कमर तोड़ दी है। पूर्व मंत्री अपने छेत्र की स्थानीय सीवर की समस्या को भी लोगों के सामने रखा । सपा के पूर्व मंत्री ने प्रदेश और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी तो हम संसद का घेराव करने के साथ ही उग्र आंदोलन करेंगे।
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हापुड़ के अलावा शामली में भी बकाए से परेशान किसानों के गन्ना भुगतान की मांग को लेकर सपा कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान सपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार को किसान विरोधी बताया हैं। वहीं, प्रदर्शन के दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए बकाया गन्ना भुगतान की मांग की। दरअसल, शामली में 3 शुगर मिल स्थित है, जिन पर गन्ना किसानों का 415 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है। अकेले गन्ना मंत्री सुरेश राणा के विधानसभा क्षेत्र थानाभवन में 164 करोड़ रुपये गन्ना किसानों के बकाया है। वहीं, इस बार करीब 2 महीने शुगर पहले ही शुगर मिल बंद हो चुके हैं, लेकिन किसानों का अभी तक प्रदेश सरकार गन्ना किसानों का भुगतान नहीं कर पाई है। प्रदर्शन कर रहे सपाइयों ने आरोप लगाया कि प्रदेश में बैठी योगी सरकार किसान विरोधी है। सपाइयों ने सरकार को चेतावनी दी कि ये सिर्फ शांति पूर्ण सांकेतिक धरना प्रदर्शन है। अगर जल्द ही किसानों का बकाया भुगतान नहीं किया गया तो सपा उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेगी।
गन्ने के बकाए को लेकर सहारनपुर के किसानों ने भी मोर्चा खोल दिया है। कड़ी मेहनत के बाद भी फसल का भुगतान नहीं होने से नाराज किसानों ने ऐलान कर दिया है कि अगर सरकार ने हमारा भुगतान नहीं दिलवाया तो किसान आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। अपनी इस समस्या को लेकर किसानों का एक संगठन सहारनपुर जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचा और कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान इन किसानों ने साफ कह दिया कि अगर देश में किसान सुखी नहीं होगा तो कोई भी सरकार सुखी नहीं रह सकती। इसके साथ ही इन किसानों ने सरकार पर किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि अन्नदाताओं की उपेक्षा इस सरकार को भारी पड़ेगी। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अकेले सहारनपुर मंडल में यानी मुजफ्फरनगर शामली और सहारनपुर के किसानों का चीनी मिलों पर वर्तमान सत्र का 1737 करोड रुपए बकाया है। इसका भुगतान अभी तक चीनी मिलों ने नहीं किया है। इससे भी बड़ा मुद्दा यह है कि इस बार कई चीनी मिलों ने हाथ खड़े कर दिए हैं और इन चीनी मिल प्रबंधन का साफ कहना है कि वह अपने चीनी मिल चलाने की स्थिति में नहीं है। यही कारण है कि किसान का गुस्सा और बढ़ रहा है। अकेले सहारनपुर मंडल में 3 से अधिक चीनी मिलें ऐसी हैं, जिन्होंने इस बार गन्ना सर्वे नहीं कराया है।
किसानों ने मुख्य रूप से वर्तमान सत्र के बकाया का भुगतान कराने की मांग की है। इसके अलावा किसानों ने चीनी मिलों को समय से चलाए जाने की मांग की है, ताकि फसल चक्र बना रहे और किसान समय से अपनी फसल काट कर नई फसल की बुआई कर सकें। किसानों की मांग है कि चीनी मिलों को एथेनॉल बनाने के लिए सहयोग किया जाए, केवल चीनी के बल पर चीनी मिलों का चलना मुश्किल है और यही कारण है कि आज चीनी मिलें किसानों को समय पर भुगतान नहीं कर पा रही है। इसलिए एथेनॉल को बढ़ावा दिया जाए। किसानों की मांग है कि 15 अक्टूबर तक सभी चीनी मिलें चल जानी चाहिए, यदि 15 अक्टूबर तक चीनी मिले नहीं चलती है तो इससे किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी।
समस्या ही नहीं गिनाई समाधान भी बताए
भारतीय किसान संघ से जुड़े किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे और उन्होंने सिर्फ समस्याएं ही नहीं गिनाई हैं। उन्होंने इस समस्या के समाधान भी बताए। अपने समाधान में किसानों ने कहा कि चीनी मिलें ज्यादा से ज्यादा एथेनॉल बनाएं। इससे चीनी मिलों को भी फायदा होगा और किसानों को भी समय से भुगतान मिल सकेगा। सरकार को चाहिए कि चीनी मिलों के सिरे और खोई के लिए भी बाजार तैयार करें, ताकि चीनी मिल केवल चीनी पर ही डिपेंड ना रहे।
ये किसान रहे मौजूद
जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर अपनी मांगों को उठाने वाले और प्रदर्शन करने वाले किसानों में मुख्य रुप से श्यामवीर त्यागी, राकेश त्यागी, राजपाल सिंह, महेंद्र सिंह, सोहन वीर, रणदीप राणा, उमेश धीमान, मनोज त्यागी, मुकेश त्यागी, भोपाल चौधरी, महेंद्र सिंह, प्रीतम सिंह, धोनी राणा, सुशील त्यागी, नीरज, विनोद, गीताराम चौधरी, पिंकू, प्रीतम सिंह चौधरी नकली सिंह और चौधरी अनिल कुमार समेत बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।