यह है मामला 7 सितंबर 2013 को मुजफ्फरनगर दंगों ( muzaffarnagar riots ) की चपेट में आ गया था। इसमें कई लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद तीन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। 8 सितंबर को भी कई लोग दंगे का शिकार हुआ था। 9 सितंबर को नवाब और उसके भाई शाहिद की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी। मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन है। इसी साल 11 मार्च को मुख्य गवाह वहाब की खतौली में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में भी पुलिस ने हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
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यह जवाब दिया मुख्यमंत्री ने बुधवार को विधानसभा में सपा विधायक इरफान सोलंकी ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों ( Muzaffarnagar Riots ) के मामलों में गवाहों को सुरक्षा देने के बारे में यूपी सरकार क्या कर रही है? इसके जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( UP CM Yogi Adityanath ) ने मुजफ्फरनगर एसएसपी की रिपोर्ट का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि इन दोनों भाइयों की हत्या का दंगों से कोई संबंध नहीं था। नवाब और शाहिद का दूध का करोबार था। नवाब चरित्रहीन था। यह बताई वजह उन्होंने कहा कि उसके कृष्णपाल की पत्नी से अवैध संबंध थे। जांच में दोनों के द्वारा महिला से दुर्व्यवहार की बात सामने आई थी। गवाहों को सुरक्षा देने को लेकर उन्होंने कहा कि पांच आरोपियों ने मार्च में मुख्य गवाह वहाब की हत्या की थी। बाद में उन्होंने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। इस मामले के बाकी गवाहों को सुरक्षा देने के निर्देश मुजफ्फरनगर में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को दिए गए थे।