इस पूर्व आईएएस ने 20 करोड़ रुपये दिए थे व्हाइट करने के लिए, दबाव में असिस्टेंट मैनेजर ने खुद को मारी गोली
शामली। जिले में एक पूर्व आईएएएस के दबाव में असिस्टेंट मैनेजर शुगर मिल ऊन ने खुद की कनपटी पर रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। असिस्टेंट मैनेजर ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने पूर्व आईएएस को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इसके पीछे वजह नोटबंदी को बताया। सुसाइड नोट में असिस्टेंट मैनेजर ने अपनी मौत का कारण पूर्व आईएएस अधिकारी विनोद पंवार को ठहराया है। इसमें पूर्व आईएएस द्वारा दबाव के चलते आत्महत्या का जिक्र किया गया है। बताया जा रहा है कि विनोद पंवार बिजनौर में डीएम रहे चुके हैं।
देखें वीडियो:पूर्व सहायक प्रबंधक ने गोली मारकर की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा कुछ ऐसा, उड़ गए पुलिस के होशआदर्श मंडी थाना क्षेत्र के बधेव गांव का मामला यह मामला शामली के आदर्श मंडी थाना क्षेत्र के बधेव गांव का है। वहां बुधवार शाम को ऊन शुगर मिल के असिस्टेंट मैनेजर जनविजय सिंह (51) ने तनाव के चलते आत्महत्या कर ली। जनविजय सिंह असिस्टेंट मैनेजर के पद पर ऊन शुगर मिल में तैनात थे। उन्होंने सुसाइड नोट में अपने सगे जीजा पूर्व आईएएस अधिकारी विनोद पंवार को जिम्मेदार ठहराया है। उन पर उन्होंने नोटबंदी के दौरान करोड़ों रुपये बदलवाने के लिए दबाव देने का आरोप लगाया है।
50 लाख रुपये दे चुके थे पीड़ित सुसाइड नोट में जिक्र किया गया है कि पूर्व आईएएस अधिकारी विनोद पंवार अब भी करोड़ों रुपये बदलवाने का दबाव बना रहा था। जनविजय सिंह ने 50 लाख रुपये बदलकर दे भी दिए, लेकिन बचे हुए रुपये नहीं चुका पा रहा था। इसके चलते रिटायर आईएएस अधिकारी उन पैसों के लिए उन पर लागातार दबाव बनाए हुए था।
विनोद पंवार पर जमीन कब्जाने का भी आरोप सुसाइड नोट में आरोप लगाया गया है कि विनोद पंवार ने जनविजय की 15-20 करोड़ रुपये की कीमत की छह बीघा जमीन पर अपना कब्जा कर लिया था। इसकी वजह से वह डिप्रेशन में चल रहा था। इस सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग की फोरेंसिक जांच के लिए पुलिस ने भेज दिया है। इस हाईप्रोफाइल आत्महत्या के बाद पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए तफ्तीश शुरू कर दी है। जनविजय के परिजन पूरे मामले में निष्पक्ष जांच कर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगा रहे हैं।
नोटबंदी में दिए थे रुपये एएसपी शामली श्लोक कुमार का कहना है कि बुधवार शाम को पुलिस को आत्महत्या की सूचना मिली थी। सुसाइड नोट में जीजा पर आरोप लगाया है कि उसने उन्हें नोटबंदी के दौरान 10 करोड़ रुपये दिए थे बदलवाने के लिए। उसमें जमीन पर कब्जे का भी जिक्र है। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
देखें वीडियो : दो किरायेदार ने नाबालिग छात्रा से गैंगरेप कियारिश्तेदार ने बताए 20 करोड़ रुपये हालांकि, जनविजय सिंह के रिश्तेदार शेखर काटियान का कहना है कि विनोद पंवार गाजियाबाद में रहते हैं और बिजनौर में डीएम रह चुके हैं। उन्होंने जनविजय सिंह को नोटबंदी के दौरान 20 करोड़ रुपये की ब्लैक मनी को व्हाइट करने को बदलवाने को दिए थे। जनविजय ने सारे रुपये वापस नहीं कर पाए। इस पर आरोपी ने जनविजय को मानसिक रूप ये परेशान किया। उसने इनकी पत्नी व बेटी को काफी परेशान किया। इससे परेशान होकर उन्होंने यह कदम उठाया।