यह भी पढ़ें- कोविड-19 को लेकर सख्त हुई पुलिस, गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर देना होगा जुर्माना दया शर्मा का कहना है कि उनके पति को कोरोना नहीं था, मामूली सी शिकायत थी। इसके बावजूद एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमने कोविड टेस्ट कराया। उसमें उनके पॉजिटिव होने की बात आई, मगर हम चाह रहे थे कि उन्हें होम आइसोलेट किया जाए। लेकिन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने उनके पति को जबरन मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में भेज दिया। जहां इलाज और खानपान में लापरवाही की जिस वजह से उनकी मौत हुई है।
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों में मुजफ्फरनगर में भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। पिछले दिनों एक 76 वर्षीय रिटायर्ड जिला जज रमाकांत शर्मा पुत्र बीएस शर्मा निवासी जज कम्पाउण्ड कचहरी मुजफ्फरनगर के मेडिकल कॉलेज बेगराजपुर में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, रमाकांत शर्मा को 28 मार्च को कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में आइसोलेट किया गया था। जहां उनकी मौत हो गई। इसके बाद मृतक रिटायर्ड जज आरके शर्मा की पत्नी दया शर्मा ने इस पूरे मामले को लापरवाही करार देते हुए स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं।