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पहले भी रह चुके हैं मंत्री वह मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। पिछली लोकसभा में वह कृषि और नदी विकास, जल संसाधन राज्यमंत्री रह चुके हैं। उनको पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े किसान नेता के तौर पर भी जाना जाता है। आइए हम आपको एक किसान बेटे के मंत्री बनने तक का सफर बताते हैं। यह भी पढ़ें
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शुरुआती जीवन मुजफ्फरनगर के कुटबी गांव में 23 जून 1972 को जन्मे संजीव बालियान के पिता सुरेंद्र पाल सिंह थे। वह पेशे से किसान थे। उनकी माता का नाम रविन्द्री देवी है। उन्होंने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से पशु चिकित्सा विज्ञान में पीएचडी की है। उन्होंने हरियाणा में असिस्टेंट प्रोफेसर और पशु चिकित्सा सर्जन के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं। 1997 से 2013 तक वह हरियाणा सरकार में पशु चिकित्साधिकारी के पद पर तैनात रह चुके हैं। छात्र जीवन में ही वह राजनीति से जुड़ गए थे। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले संजीव बालियान ने नौकरी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ज्वाइन कर ली थी। यह भी पढ़ें
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2014 के लोकसभा चुनाव 2014 के लाेकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें मुजफ्फरनगर से टिकट दिया था। दंगों के बाद वहां हुए वोटों के ध्रुवीकरण और मोदी लहर में संजीव बालियान ने बसपा के उम्मीदवार कादिर राणा को लगभग साढ़े 4 लाख वोटों से पराजित किया था। उन्हें इसका इनाम भी मिला था। मोदी सरकार में उन्हें राज्यमंत्री बनने का मौका मिला था। वर्ष 2014 में उन्हें कृषि और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री बनाया गया। जुलाई 2016 में उन्हें राज्यमंत्री जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प नियुक्त किया गया। इसके बाद सिंतबर 2017 में उनको मंत्रिमंडल से बाहर कर संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष बना दिया गया था। यह भी पढ़ें
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2019 के लोकसभा चुनाव 2019 के लोकसभा चुनाव में भी संजीव बालियान पर भाजपा ने भरोसा जताया। वहीं, गठबंधन (सपा-बसपा-रालोद) की तरफ से रालोद मुखिया चौधरी अजित सिंह को मौका दिया गया। चुनाव से पहले अजित सिंह का पलड़ा भारी लग रहा था लेकिन परिणाम संजीव बालियान के पक्ष में आए। संजीव बालियान ने 6526 वोट से जीत अजित सिंह को शिकस्त दी थी। इससे उनका कद और बढ़ गया। संजीव बालियान मुजफ्फरनगर में अब तक के सांसदों की गिनती में सबसे मिलनसार और लोगों के बीच में रहने वाले सांसद के रूप में गिने जाते हैं। यह भी पढ़ें