रालोद नेता का कहना है कि ये दोनों भाजपा नेता मुजफ्फरनगर दंगों के नायक के रूप में जाने जाते हैं। आपको बता दें कि कैराना व नूरपुर सीटों पर 28 मई को मतदान होना है, जबकि 31 मई को मतगणना होनी है। राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश उपाध्यक्ष वसीम हैदर ने कहा कि जैसे-तैसे रालोद मुखिया चौधरी अजीत सिंह और उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपने प्रयासों से एक बार फिर हिंदू-मुस्लिम एकता कायम करने में मिसाल पेश की है।
हैदर ने कहा कि उत्तर प्रदेश की की गंगा-जमुनी तहजीब को तोड़ने वाली भाजपा और उसके नेताओं को कैराना और नूरपुर उपचुनाव से दूर रखने की जरूरत है। रालोद नेता ने कहा कि इन क्षेत्रों की जनता ने निश्चय कर लिया है कि किसान विरोधी केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ मतदान कर किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह के सपनों का भारत बनाने में यह चुनाव मील का पत्थर साबित होगा।
आपको बता दें कि कैराना लोकसभा सीट भाजपा सांसद हुकुम सिंह के बीमारी निधन के बाद जबकि नूरपुर सीट भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान के सड़क हादसे में निधन से खाली हुई थी। इन उपचुनावों में भाजपा ने कैरान से दिवंगत सांसद की बेटी मृगांका सिंह व नूरपुर से दिवंगत विधायक की पत्नी अवनी सिंह को टिकट दिया है। वहीं कैराना से रालोद-सपा गठबंधन ने पूर्व सांसद मुनव्वर हसन की पत्नी तबस्सुम हसन और नूरपुर से नईमुल हसन को अपना प्रत्याशी बनाया है।