आरएलडी नेता जयंत चौधरी राजस्थान में कांग्रेस से मिलकर चुनाव लड़े। भरतपुर से उनका एक विधायक भी जीता। हालाकि यूपी में उनकी नजदीकी कांग्रेस से ज्यादा एसपी-बीएसपी से हैं। कैराना लोकसभा उपचुनाव आरएलडी ने एसपी प्रत्याशी को उतारा था और बीएसपी ने समर्थन दिया था। इस लिहाज से 2019 के संभावित गठंबधन में भी दोनों दलों के साथ आरएलडी भी तय मानी जा रही है।
वैसे आपको बता दें गठबंधन को लेकर जयंत चौधरी ने भी रूख साफ कर चुके हैं। हाल ही में बागपत पहुंचे जयंत चौधरी ने बीजेपी के खिला विपक्षी एकता पर जोर दिया था औऱ बीजेपी पर हमला करते हुए कहा था कि जो लोग नफरत की खेती करते आये हैं कभी गाय को बहाना बनाकर तो कभी पाकिस्तान, तो कभी हिन्दू-मुस्लिम को लेकर। उनके लिए धर्म एक राजनीतिक तोप है जिसको चलाकर वो सत्ता पर काबिज होना चाहते है।
रालोद किस ओर होगा ये तो आने वाले समय में साफ हो जाएगा। उससे पहले पार्टी मुखिया चौधरी अजित सिंह आम चुनाव से पहले पार्टी की सियासी जमीं को मजबूत करने में जुटे हैं। जिसके तहत आज राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह मुजफ्फरनगर में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। जहां वो जन संवाद करेंगे साथ ही पार्टी नेताओं औऱ पदाधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि बैठक में गठबंधन पर भी चर्चा होगी।