ये भी पढ़ें : इस बीजेपी सासंद की वजह से सत्यपाल सिंह नहीं बन पाए मंत्री, ये बड़ी वजह आई सामने आपको बता दें कि संजीव बालियान पिछली सरकार में भी 2014 में भी मोदी कैबिनेट ( Modi Cabinet ) का हिस्सा थे, तब उन्हें कृषि और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री बनाया गया। इसके बाद जुलाई 2016 में उन्हें राज्यमंत्री जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प की जिम्मेदारी सौंपी गई। हालाकि सितंबर 2017 में उनको मंत्री पद से हटा दिया गया।
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लेकिन इस बार माना जा रहा है कि राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह को शिकस्त देने के बाद ईनाम दिया गया है। वैसे आपको बता दें कि इस चुनाव में संजीव बालियान और अजित चौधरी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। दोनों में मुकाबला काफी करीबी रहा लेकिन आखिर में संजीव बालियान ने बाजी मार ली औऱ अजीत चौधरी को बालियान ने 6,526 वोट से मात दी। वहीं माना जा रहा है कि पश्चिमी यूपी में कई बार आरक्षण और गन्ना आंदोलन के मुद्दे पर बालियान हमेशा संकटमोचक साबित हुए। वह दूसरे जाट नेता सत्यपाल से ज्यादा सक्रिय और कारगर साबित हुए, इसलिए उनको वरीयता दी गई।
लेकिन इस बार माना जा रहा है कि राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह को शिकस्त देने के बाद ईनाम दिया गया है। वैसे आपको बता दें कि इस चुनाव में संजीव बालियान और अजित चौधरी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। दोनों में मुकाबला काफी करीबी रहा लेकिन आखिर में संजीव बालियान ने बाजी मार ली औऱ अजीत चौधरी को बालियान ने 6,526 वोट से मात दी। वहीं माना जा रहा है कि पश्चिमी यूपी में कई बार आरक्षण और गन्ना आंदोलन के मुद्दे पर बालियान हमेशा संकटमोचक साबित हुए। वह दूसरे जाट नेता सत्यपाल से ज्यादा सक्रिय और कारगर साबित हुए, इसलिए उनको वरीयता दी गई।
वैसे संजीव बालियान राजनीति में आने से पहले हरियाणा ऐग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी में पशु चिकित्सा विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की और सहायक प्रोफेसर और हरियाणा सरकार के साथ एक पशु चिकित्सा सर्जन के तौर पर भी काम किया।
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