scriptफिर आग में झुलने से बचा मुजफ्फरनगर, छेड़छाड़ काे लेकर दाे गांव के लाेग आमने-सामने | People of Two village face to face in Muzaffarnagar molestation | Patrika News
मुजफ्फरनगर

फिर आग में झुलने से बचा मुजफ्फरनगर, छेड़छाड़ काे लेकर दाे गांव के लाेग आमने-सामने

मुजफ्फरनगर में छेड़छाड़ की घटना के बाद दाे गांव के लोग आमने-सामने आ गए। इस बाद में पहुंची पुलिस ने किसी तरह मामला संभाला।

मुजफ्फरनगरJul 13, 2020 / 05:03 pm

shivmani tyagi

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मुज़फ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिले में एक बार फिर 2013 को दोहराने जैसी घटना हो गई। छेड़छाड़ की घटना को लेकर हुई मारपीट के बाद दो गांव के लोग आमने-सामने आ गए।

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भोपा क्षेत्र के गांव कासमपुरा में कूड़ा डालने गई एक युवती से नगला बुजुर्ग ( नयागांव ) के युवकों ने छेड़छाड़ कर दी। आरोपों के अनुसार विरोध करने पर युवती को अपहरण कर ले जाने लगे लेकिन इसी दाैरान गांव के कई लोग मोके पर पहुंच गए। ग्रामीणाें काे देखकर युवक भाग गए लेकिन एक काे पकड़ लिया गया। इस घटना का पता जब दूसरे गांव के लोगों को चला तो दर्जनों लोग लाठी-डंडों के साथ कासमपुरा पहुंच गए और पथराव कर दिया।
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घटना की जानकारी पुलिस (muzaffarnagar police) को हुई तो पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। बताया जाता है कि, पुलिस के सामने भी काफी देर तक हंगामा होता रहा जिसके बाद पुलिस ने आरोपी युवक मनीष पुत्र मुनीर अहमद को हिरासत में ले लिया। इसके साथ दोनों पक्षों के चार- चार लोगों को भी हिरासत में ले लिया। अब कासमपुरापुरा गांव में इस बात का विरोध है कि उन्हीं के गांव में आकर दूसरे गांव के लोग छेड़खानी करते हैं जिसके बाद विरोध करने पर लाठी-डंडे और पथराव किया जाता है और पुलिस दोनों ही तरफ से बराबर गिरफ्तारी कर रही है।
ये था 2013
बता दें कि, मुजफ्फरनगर में 2013 में थाना जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल में भी इसी तरह की घटना हुई थी। एक मुस्लिम युवक ने युवती से छेड़खानी कर दी थी। गांव मलिकपुरा निवासी युवती ने यह बात अपने भाइयों सचिन व गौरव को बताई जिसके बाद बहन से छेड़खानी की घटना को दोनों ममेरे फुफेरे भाई सचिन और गौरव बर्दाश्त नहीं कर सके थे। तुरंत गांव कवाल पहुंचकर आरोपी शाहनवाज के साथ मारपीट कर दी जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। शाहनवाज जमीन पर गिर पड़ा तो मौके पर मौजूद एक ही समुदाय के लोगों ने दोनों भाई सचिन और गौरव को घेर कर लाठी-डंडों और पत्थरो से पीट-पीटकर मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद मुजफ्फरनगर को दंगे की आग में झुलसना पड़ा था। उस समय हुए इस दंगे में 60 से भी ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। उस सांप्रदायिक दंगे में लगभग 50,000 लोगों को अपने गांव से ही प्लान करना पड़ा था। इस पूरे प्रकरण में पुलिस के साथ-साथ शासन और प्रशासन की भी कमी रही थी जिस वजह से मुजफ्फरनगर आज तक उस कलंक को भुला नहीं पाया
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सोमवार को एक बार फि थाना भोपा क्षेत्र के गांव कसमपुरा में खुराफाती तत्वों ने युवती के साथ छेड़खानी की। घटना को अंजाम देकर 2013 दोहराने की कोशिश की है। मगर इस घटना में पुलिस ने फिर से बैलेंस बनाने का काम किया है। पुलिस ने पीड़ित पक्ष की ओर से भी कई लोगों को हिरासत में लेकर कार्यवाही करने की बात स्वीकार की है।

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