मुजफ्फरनगर

भाजपा के 2 तेजतर्रार विधायकों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी, कभी हो सकती है गिरफ्तारी

प्रयागराज की स्पेशल जनप्रतिनिधि कोर्ट ने भाजपा विधायक कपिलदेव अग्रवाल और विक्रम सैनी के खिलाफ की बड़ी कार्रवाई

मुजफ्फरनगरNov 17, 2018 / 09:45 am

lokesh verma

भाजपा के 2 तेजतर्रार विधायकों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी, कभी हो सकती है गिरफ्तारी

मुजफ्फरनगर. प्रयागराज की स्पेशल जनप्रतिनिधि कोर्ट ने मुजफ्फरनगर के दो मौजूदा भाजपा विधायकों सहित शिवसेना जिला अध्यक्ष के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए मुज़फ्फरनगर पुलिस को विधायकों की गिरफ्तारी कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने विधायक कपिलदेव मामले में 24 नवंबर और विक्रम सैनी मामले में 18 नवंबर को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। वहीं कोर्ट के इस फैसले के बाद बीजेपी विधायकों ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका आरोप है की हमें माननीय न्यायालय से कोई समन नहीं मिला है और अगर प्रयागराज कोर्ट ने कोई समन जारी किया था तो पुलिस उसे तामील नहीं करा पाई। इसलिए शायद कोर्ट ने वारंट जारी किया है। हम कोर्ट में पेस होकर माननीय न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे।
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दरअसल, 2003 में मुजफ्फरनगर के थाना सिविल लाइन क्षेत्र में एक समाजसेवी देवराज पंवार की बेटी की हत्या कर दी गयी थी, जिसे लेकर भाजपा विधायक के नेतृतव में मृतक की शोकसभा के दौरान सैकड़ों लोगो ने मृतका के ससुराल पक्ष पर हत्या का आरोप लगाते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया था। इसके बाद पुलिस के बल प्रयोग करने के बाद भीड़ ने पुलिस वाहनों पर पथराव कर दिया था। तभी तत्कालीन एसएसपी मीणा ने बीजेपी विधायक कपिलदेव अग्रवाल, शिव सेना जिला अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा समेत दर्जनों लोगों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने, तोड़फोड़ कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में कुछ समय बाद बीजेपी विधायक कपिलदेव अग्रवाल को कोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन इलाहाबाद की स्पेशल कोर्ट में केस ट्रांसफर होने के बाद 18 अक्टूबर को इलाहाबाद कोर्ट ने भाजपा विधायक समेत 36 अन्य लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं। वहीं खतौली विधानसभा से बीजेपी विधायक विक्रम सैनी के खिलाफ भी 2013 में हुए दंगों के एक मामले में गैरजमानती वारंट जारी किया गया है। गौरतलब है की 27 अगस्त 2013 में मुजफ्फरनगर के थाना सिखेड़ा क्षेत्र के गांव कवाल में युवती से छेड़छाड़ को लेकर एक मुस्लिम युवक शाहनवाज की हत्या कर दी गयी थी, जिसके बाद पब्लिक की भीड़ ने शाहनवाज के हत्यारोपी गौरव और सचिन की निर्मम हत्या के बाद मुजफ्फरनगर में हिंसा भड़क गई थी।
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भाजपा के नगर विधायक कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि हमें समाचार पत्र के माध्यम से पता चला है कि माननीय न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं।। एक मुकदमा मुझ पर 2003 में हुआ था। उस समय एक परिवार की लड़की की हत्या हुई थी। उस मामले में पुलिस का घेराव हुआ था। उस समय तत्कालीन एसएसपी के निर्देश पर मुझ पर और मेरे कुछ साथियों पर फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन आज तक हमें उस मुकदमे की कोई तारीख या कोई सूचना पुलिस या कोर्ट द्वारा नहीं दी गई है। हमें एक वकील ने बताया था कि आपके खिलाफ एक मुकदमा चल रहा है। तब हमने उस मुकदमे में अपनी जमानत करा ली थी। जमानत हो जाने के बाद आज फिर समाचार पत्र में प्रकशित किया गया है कि हमारे खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया गया है।
वहीं भाजपा खतौली विधायक विक्रम सैनी ने अपनी सफाई में बताया कि मुझे भी समाचार पत्र के माध्यम से जानकारी मिली है। कोर्ट की ओर से सूचना नहीं मिली है। जो तारीख दी गई है, उससे पहले में रिकॉल करा लूंगा या फिर जमानत करा लूंगा। ये मुकदमा मुझ पर 2013 के दंगों का है, जो कवाल गांव में गौरव और सचिन समेत मुस्लिम युवक शाहनवाज की हत्या हुई थी उसमे हमें भी लपेट दिया था। वैसे मामला झूठा है। पुलिस ने अपने आप रिपोर्ट लिखी थी। गांव का कोई आदमी इस मामले में गवाह नहीं है, लेकिन उस समय की सरकार की कुछ ऐसी मंशा थी कि झूठे आरोप लगाकर मुकदमे दर्ज करा दिए।
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दंगा मामलों के भाजपा नेताओं के अधिवक्ता चंद्रवीर सिंह ने बताया कि 2003 में मुज़फ्फरनगर देवराज पंवार, जो एक प्रतिष्ठित व्यक्ति है। उनकी बेटी की हत्या कार दी गयी थी। उसके बाद एक शोकसभा का आयोजन किया गया था, जिसमें कुछ लोगों ने मृतक की ससुराल पक्ष पर हत्या का आरोप लगाकर पुलिस से ससुराल पक्ष के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की मांग की थी, जिसे लेकर वहां हंगामा हो गया था, जिसमें पुलिस विधायक कपिलदेव अग्रवाल और कई अन्य लोगों के खिलाफ सरकारी संपत्ति और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज किया था। कुछ समय बाद पुलिस ने देवराज पंवार की मृतक बेटी की हत्या के मामले में ससुराल पक्ष के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था। इस मामले में कपिलदेव अग्रवाल की हमने कोर्ट से जमानत करा दी थी, लेकिन मुकदमा प्रयागराज की स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर होने के बाद विधायक के पास कोई सूचना या समन नहीं मिला।
मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि इस जनपद के कुछ माननीय जनप्रतिनिधियों के मुकदमे इलाहाबाद की स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर हुए हैं। वहीं से कुछ आदेश जनपद के विभिन्न जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अधिशिखाएं प्राप्त हुई हैं। माननीय न्यायालय के आदेश का पालन किया जाएगा। कुल 36 लोगों के खिलाफ अधिशिखाएं प्राप्त हुई हैं, जिसमें कुछ माननीय विधायक भी हैं।
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