मुजफ्फरनगर

दंगा प्रभावित मुजफ्फरनगर में मुसलमानों ने कांवड़ियों की सेवाकर पेश की इंसानियत की मिसाल

कावड़ यात्रा में सांप्रदायिक सद्भाव

मुजफ्फरनगरAug 06, 2018 / 08:00 pm

Iftekhar

कांवरियों के साथ मुसलमानों ने किया ऐसा काम कि देखने वाले भी चौंक गए

मुजफ्फरनगर. वोट की राजनीति के कारण 2013 में सांप्रदायिक दंगों की आग में झुलस चुके उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कावड़ यात्रा के दौरान इलाके मुस्लिमों ने सांप्रदायिक सद्भाव के लिए सराहनीय पहल की है। यहां हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लेकर आने वाले कांवड़ियों की जमकर खातिरदारी हो रही है। खास बात ये है कि इन कावड़ियों की सेवा में सभी धर्मों के लोग लगे हुए हैं। इस सद्भाव को देखकर ऐसा अब लोग कहने लगे हैं कि सांप्रदायिक दंगों का बदनुमा दाग माथे पर लगने के बाद मुजफ्फरनगर के माहौल में सुधार हुआ है।

उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में कावड़ यात्रा के दौरान सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश करने की अद्भुत तस्वीरें सामने आ रही है। इसे देखकर यह जा सकता है कि 2013 में सांप्रदायिक दंगे झेलने के बाद यह जिला सांप्रदायिक सद्भाव की ओर बढ़ रहा है। जनपद में अनेक स्थानों पर मुस्लिम संगठन की ओर से कावड़ियों की सेवा करते नजर आ रहे लोग इस बात की गवाही दे रहे हैं कि अब जिले का माहौल धीरे-धीरे सधर रहा है। यहां मीनाक्षी चौक पर आवाज-ए-हक संगठन की के लोग शिवभक्तों की सेवा में लगे हुए हैं। दरअसल, इस संगठन के अध्यक्ष शादाब खान पिछले कई सालों से कावड़ यात्रा के दौरान कावड़ियों की सेवा करने के लिए शिविर लगाते हैं। शिविर में कांवड़ियों को खाने-पीने की चीजों के साथ साथ उनके लिए दवाई और मरहम पट्टी तक की जाती है। यही नहीं इस कैंप में पैदल चलने के कारण कावड़ियों के पैर में दर्द होने या थकान की स्थिति में उनके पैर भी दबाए जा रहे हैं। यानी यह कह सकते हैं कि जनपद मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक सद्भावना की इससे बड़ी मिसाल नहीं हो सकती है।

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शहर के मीनाक्षी चौक पर ही एक और कैंप पैगाम-ए-इंसानियत संगठन की ओर से चलाया जा रहा है। यहां इस संगठन के कई दर्जन कार्यकर्ता शिवभक्तों की सेवा में लगे हुए हैं। संगठन के अध्यक्ष आसिफ राही भी अपने संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ पिछले कई सालों से कावड़ यात्रियों की सेवा करते आ रहे हैं। यहां भी कावड़ियों के लिए रहने खाने और आराम करने की जगह के साथ-साथ कावड़ियों की सेवा की जाती है। संगठन के पदाधिकारी खुद कावड़ यात्रियों के पैर दबाते नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर में 2013 के बाद सांप्रदायिक सद्भाव कायम करने के लिए सभी धर्मों के लोग आगे आ रहे हैं।

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वहीं, जनपद के पुलिस कप्तान अनंत देव तिवारी ने सामुदायिक पुलिसिंग के सहारे लोगों को एक साथ जोड़ने और एक मंच पर लाने का प्रयास कर रहे हैं। इससे भी जिले में हालात सामान्य करने में काफी हद तक सफलता मिली है। वहीं, कावड़ यात्रा की सुरक्षा में लगे SP सिटी ओमवीर सिंह ने भी सांप्रदायिक सद्भाव के इस अनोखे प्रयास की तारीफ की है। उनका कहना है कि इस कावड़ यात्रा के दौरान सभी धर्मों के लोग कावड़ यात्रियों की सेवा में लगे हुए हैं। खासकर मुस्लिम समुदाय के लोग जी-जान से कावड़ियों की सेवा कर रहे हैं, जो अपने आप में भाईचारे की मिसाल है।

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