मुजफ्फरनगर

कैराना उपचुनाव में बुआ-भतीजे की यह जोड़ी जिता सकती है भाजपा को

कैराना उपचुनाव में भाजपा की तरफ से मैदान में उतर सकती हैं मृगांका सिंह

मुजफ्फरनगरMay 02, 2018 / 10:34 am

sharad asthana

BJP

शामली। गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में जहां विपक्ष के बुआ-भतीजे एक हुए थे, वहीं कैराना में भाजपा के बुआ-भतीजे एक होने जा रहे हैं। अब देखना है कि बुआ-भतीजे की एकजुटता ने जहां फूलपुर और गोरखपुर में समाजवादी पार्टी को जीत दिलाई थी, वहीं कैराना में बुआ-भतीजे की एकजुटता भारतीय जनता पार्टी को भी जीत दिला सकती है।
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कैराना में हार गई थीं मृगांका सिंह

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा को उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज कर दिया था। उस चुनाव में मायावती की बहुजन समाज पार्टी और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इसके विपरीत वर्ष 2017 के ही विधानसभा चुनाव में बुआ मृगांका सिंह और उनके भतीजे अनिल चौहान की चुनावी लड़ाई के कारण पलायन मुद्दे के बावजूद कैराना सीट पर भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था।
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गोरखपुर व फूलपुर में जीता था गठबंधन

वर्ष 2017 में बुआ-भतीजे का यह टकराव न ही भारतीय जनता पार्टी को रास आया था और न ही विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को। वर्ष 2018 में प्रदेश में पहले उपचुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिनिधित्व वाली फूलपुर लोकसभा सीट पर हुए। वहां भाजपा का तगड़ा जनाधार होने के बावजूद मायावती और अखिलेश यादव की जुगलबंदी से भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में करारी शिकस्त मिली थी। इसके साथ ही बुआ-भतीजे की जोड़ी प्रदेश की राजनीति में कारगर होती नजर आई।
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निपटता नजर आ रहा है टकराव

अब उसी फाॅर्मूले की तर्ज पर कैराना लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में बुआ मृगांका सिंह और भतीजे अनिल चौहान एक साथ नजर आएंगे। राजनीतिक विरासत को लेकर चला आ रहा बुआ और भतीजे का टकराव निपटता नजर आ रहा है। कैराना की राजनीति में प्रभाव रखने वाले गुर्जर समाज के जिम्मेदार लोगों ने सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद मृगांका सिंह के चुनाव अभियान की कमान संभाल ली है।
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जल्द होगी औपचारिक घोषणा

बताया जाता है कि सबसे पहले समाज में एकजुटता के प्रयासों के तहत सभी खिलाफ लोगों को मृगांका सिंह के साथ लाने की मुहिम शुरू हो गई है। इसके तहत अनिल चौहान ने भी उपचुनाव में भाजपा के लिए काम करने पर सहमति जता दी है। बताया जाता है कि जल्दी ही अनिल चौहान की भाजपा वापसी की औपचारिक घोषणा हो जाएगी।
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