उन्होंने कहा कि एक-दूसरे के साथ विश्वासपूर्वक और सम्मानपूर्वक आचरण के आगे बढ़ें और अपने साथ पूरी मानवता को आगे लेकर जाएं। एक-दूसरे की मदद करेंगे और सब लोग मिलकर अच्छे रास्ते पर चलेंगे। हम संग में एक गीत गाते हैं… संगठन बढ़े चलो सुपंथ पर बढ़े चलो, हो भला समाज का वह काम सब किए जा अपने यहां के सब पंथ संप्रदायों की यही धारणा है। इसलिए अपने आप उन धर्म संप्रदायों के मंदिर में दोनों का आज स्थिति ऐसी नहीं है, लेकिन पहले मंदिर में क्या नहीं होता था? उपासना तो होती थी और मनुष्य का जीवन सुचितामय बने तपस्यामय बने और धीरे-धीरे सत्य की और बढ़े यह सब मंदिर में होता था।
यह भी पढ़ें – यूपी बोर्ड रिजल्ट को लेकर सीएम योगी के तीखे तेवर, इस तारीख तक जारी करने के आदेश पहले मंदिर में तरह-तरह के रोजगारों को आश्रय मिलता था, रोजगार मंदिर के भरोसे चलते थे। मंदिरों की जमीनों पर तरह-तरह के खुशी के प्रेरक होते थे। मंदिरों में मल शाला व्यायामशाला चलती थीं। सारे समाज जीवन का केंद्र मंदिर था। इसीलिए तो विदेशी आक्रामकों ने केवल लूट खसौट को छोड़कर जब हमको गुलाम करना चाहा तो मंदिरों का विध्वंस किया। केवल संम्पत्ति की ही नहीं मनोबल तोड़ दिया। हमारे श्रद्धा के केंद्र रोज के जीवन के व्यवहार के केंद्र ये मंदिर थे।
यह भी पढ़ें – ये मुस्लिम युवक है योगी आदित्यनाथ का जबरा फैन, सीने पर गुदवाया मुख्यमंत्री का टैटू कमाने वाले से बड़ा बांटने वाला देश को आगे बढ़ाने के लिए सबको आगे आकर सहयोग करना होगा, तभी देश विश्व गुरु बनेगा। हमारा देश विश्व गुरु बनेगा तो दुनिया में फैली अशांति की स्थिति समाप्त हो जाएगी। कमाने वाले से ज्यादा बांटने वाला बड़ा होता है।