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हम में से कितने ही ऐसे हैं जिनका अक्सर किसी ना किसी हादसे के शिकार लोगों से सामना होता है लेकिन वक्त की पाबंदी की वजह से मुंह मोड़ कर आगे बढ़ जाते है। लेकिन मुजफ्फरनगर में एक ठेले पर जूस की दुकान चलाने वाले मनोज कुमार सैनी उनमें से नहीं है। वो अपने उसी किमती वक्त का प्रयोग लोगों की जान बचाने में करते हैं। जी हां गंगा किनारे जूस की एक दुकान चलाने वाले मनोज ने अब तक कई लोगों की जिंदगियां बचाई हैं। इतना ही नहीं गंग नहर में आत्महत्या करने आने वाले अब तक 7 लोगों को मनोज बचा चुके हैं। उनकी बहादुरी के लिए पुलिस उनका नाम बहादुरी पुरस्कार के लिए आगे करने को सोच रही है।
हम में से कितने ही ऐसे हैं जिनका अक्सर किसी ना किसी हादसे के शिकार लोगों से सामना होता है लेकिन वक्त की पाबंदी की वजह से मुंह मोड़ कर आगे बढ़ जाते है। लेकिन मुजफ्फरनगर में एक ठेले पर जूस की दुकान चलाने वाले मनोज कुमार सैनी उनमें से नहीं है। वो अपने उसी किमती वक्त का प्रयोग लोगों की जान बचाने में करते हैं। जी हां गंगा किनारे जूस की एक दुकान चलाने वाले मनोज ने अब तक कई लोगों की जिंदगियां बचाई हैं। इतना ही नहीं गंग नहर में आत्महत्या करने आने वाले अब तक 7 लोगों को मनोज बचा चुके हैं। उनकी बहादुरी के लिए पुलिस उनका नाम बहादुरी पुरस्कार के लिए आगे करने को सोच रही है।
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दरअसल मनोज सैनी जिले के भोपा में गंग नहर के पास जूस का एक स्टॉल चलाते हैं। इस जगह के ‘सुसाइड प्वॉइंट’ के नाम भी जाना जाता है। जो कि शहर से दूर है और लोग अक्सर यहां मौत को गले लगाने आते हैं। लेकिन अब मनोज काफी समय से यहां जिंदगी को खत्म करने वालों को नई जिंदगी देते हैं। पिछले एक साल में मनोज ने गंगा में कूदकर 7 लोगों को मरने से बचाया है। एक वेबसाईट के जरिए मनोज का कहा कि ‘जब पहली बार मैंने एक शख्स को गंगा में कूदते हुए देखा तो मैं हैरान रह गया। मुझे अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हुआ। फिर मैं उसकी जिंदगी बचाने के लिए तुरंत गंगा में कूद गया। इसके बाद से जब भी मैं किसी को गंगा में कूदते हुए देखता हूं तो उन्हें बचाने के लिए मैं भी कूद जाता हूं।’ लेकिन इन सबसे अलग जो आश्चर्य वाली बात है वो ये है कि मनोज ने तैराकी नहीं सिखी है।
दरअसल मनोज सैनी जिले के भोपा में गंग नहर के पास जूस का एक स्टॉल चलाते हैं। इस जगह के ‘सुसाइड प्वॉइंट’ के नाम भी जाना जाता है। जो कि शहर से दूर है और लोग अक्सर यहां मौत को गले लगाने आते हैं। लेकिन अब मनोज काफी समय से यहां जिंदगी को खत्म करने वालों को नई जिंदगी देते हैं। पिछले एक साल में मनोज ने गंगा में कूदकर 7 लोगों को मरने से बचाया है। एक वेबसाईट के जरिए मनोज का कहा कि ‘जब पहली बार मैंने एक शख्स को गंगा में कूदते हुए देखा तो मैं हैरान रह गया। मुझे अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हुआ। फिर मैं उसकी जिंदगी बचाने के लिए तुरंत गंगा में कूद गया। इसके बाद से जब भी मैं किसी को गंगा में कूदते हुए देखता हूं तो उन्हें बचाने के लिए मैं भी कूद जाता हूं।’ लेकिन इन सबसे अलग जो आश्चर्य वाली बात है वो ये है कि मनोज ने तैराकी नहीं सिखी है।
ये भी पढ़ें: गले की फांस बना डंपिंग ग्राउंड, अब यहां भी ग्रामीणों ने अथॉरिटी को भगाया भोपा इलाके के डीएसपी राजीव कुमार गौतम ने कहा मनोज की कहानी लोगों के लिए एक मिसाल है। हम उनके काम की प्रशंसा करते हैं। इसके लिए अब उन्हें ब्रेवरी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट करने की तैयारी की जा रही है।