राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने गठबंधन के कार्यकर्ताओं को कहा धन्यवाद
राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चोधरी ने ट्वीट कर लिखा, आप सभी से उम्मीद है कैराना और नूरपुर के उपचुनाव में मतदान के ज़रिए गठबंधन प्रत्याशियों को जीत दिलाकर किसान, कामगार को ताक़त देंगे। समाजवादी, बहुजन, INC, निषाद पार्टी, AAP, CPI, पीस के कार्यकर्ताओं को धन्यवाद।
इस चुनाव के जरिए कांग्रेस 2019 के लिए भाजपा के खिलाफ एक मजबूत गंठबंधन की भूमिका तैयार करने में जुटी है। यहीं वजह है कि कैराना लोकसभा सीट पर मजबूत स्थिति में होने के बाद भी विपक्ष की जीत को सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस ने यहां अपना प्रत्य़ाशी तक घोषित नहीं किया। दरअसल, कांग्रेस की चाल है कि विपक्ष का वोट किसी भी हाल में नहीं बंटे, ताकि भाजपा को मात दिया जा सके। यहीं वजह है कि कांग्रेस अब उपचुनाव में खुद चुनाव लड़ने के बजाए कांग्रेसमुक्त भारत का नारा देने वाली भाजपा को मजबूत विपक्षी उम्मीदवार देकर हराने का काम कर रही है। इसीलिए कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की। कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों की भी यही मानना है कि सपा और रालोद का गठबंधन कांग्रेस के इशारे पर ही हुआ है। इस उपचुनाव में कांग्रेस की खोमोशी पर जब पत्रिका संवाददाता ने प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष इमरान मसूद से बात की तो उन्होंने भी साफ कर दिया कि हमारे लिए मुद्दा प्रत्याशी उतारने का नहीं है। मुद्दा भाजपा को हराने का है। जो भाजपा को हराएगा, हम उसके साथ खडे़ हैं। इससे पहले कांग्रेसी नेता और आईपीएल के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने भी अपने सहारनपुर दौरे के दौरान राजनैतिक बयान दिया था कि कांग्रेस विपक्ष को एकजुट करने में लगी है।
इसलिए कांग्रे नहीं लड़ रही चुनाव
दरअसल, राजनीतिक हलकों में ये चर्चा है कि अब कांग्रेस अलग से लड़ती भी है तो इससे भाजपा विरोधी मतों को बांटने का आरोप लगेगा। ऐसी परिस्थिति में 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रदेश के क्षेत्रीय दलों का गठबंधन भी कांग्रेस को अपने से अलग कर सकता है। परेशानी यह भी है अगर कांग्रेस यहां पर अकेले चुनाव लड़ती है तो उसकी हालत गोरखपुर और फूलपुर की तरह हो जाती। जहां उसके उम्मीदवार कुछ हजार वोट ही पा सके थे। अलग से लड़कर और किसी मुस्लिम को उम्मीदवार बनाकर वह महागठबंधन को ही नुकसान पहुंचाती, जिसका सीधा फायदा भाजपा को होता। इसी लिए कांग्रेस ने इस चुनाव से अपना प्रत्याशी उतारने से परहेज किया है।