जयंत ने संसद में कहा “सभापति जी, आज मैं वरिष्ठ सांसदों के दुर्व्यवहार से बहुत दुखी हूं। मैं आपका धन्यवाद देता हूं कि आपने मुझे संरक्षण दिया। मैं अचंभित हूं कि कैसे लोग चौधरी चरण सिंह जैसी हस्ती को किसी गठजोड़ के बनने या बिगड़ने और चुनाव लड़ने और जीतने तक सीमित रखना चाहते हैं। लेफ्ट, राइट और सेंटर में ही बंटे रहेंगे तो देश असली धरती पुत्र का सम्मान हम कैसे रख पाएंगे।”
उन्होंने आगे कहा “मैं 10 साल मैं विपक्ष में रहा हूं। कुछ ही देर के लिए मैं इस तरफ बैठा हूं, लेकिन मैंने देखा है कि 10 साल में जो आज सरकार है इनकी कार्यशैली में भी चौधरी चरण सिंह के विचारों की झलक है। जब प्रधानमंत्री ग्रामीण क्षेत्रों में शौच की व्यवस्थाओं पर प्रकाश डालते हैं, जब महिला सशक्तिकरण को सरकार अपना प्लेटफॉर्म बनाती है और गांव में जागृति पैदा करती है तो मुझे उसमें चौधरी चरण सिंह की बोली याद आती है।”
जयंत ने कहा “राजनीति विशेषज्ञ कहते हैं कि हम लोग नेताओं को समझ नहीं पाएंगे, अगर हम इसी तरह से बंटे रहेंगे। कुछ लोग कहते हैं कि चौधरी चरण सिंह सिर्फ जाटों के नेता थे। सिर्फ किसानों के लिए काम करते थे। ऐसा नहीं है। वह विचारक थे। लोगों अपने सभी भ्रम दूर करने चाहिए।” उन्होंने आगे कहा “चौधरी चरण सिंह सभी के हैं। वे किसी एक पार्टी के नहीं हैं। सभी दल इस पल का हिस्सा बनें। मैं ऋणी हूं सरकार का। मैं कहना चाहता हूं कि ऐसी सरकार जो जमीन की आवाज को समझती है, उसे बुलंद करना चाहती है। ऐसी सरकार ही चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दे सकती है।” इसके साथ जयंत चौधरी ट्विटर पर भी ट्रेंड करने लगे। यहां सोशल मीडिया यूजर्स ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
ट्विटर पर लोग सोशल मीडिया पर उनकी तुलना नीतीश कुमार की पाला बदली से कर रहे हैं। जनरल नरभक्षी पैरोडी नामके एक यूजर्स ने पोस्ट की है। इसमें 27 जनवरी 2022 की तारीख डालकर यूजर्स ने जयंत का बयान लिखा है। जयंत ने उस समय कहा था “मैं कोई चव्वनी हूं जो ऐसे करके पलट जाऊंगा।” उसके नीचे इसी यूजर्स ने 9 फरवरी 2024 की तारीख डालकर लिखा है “सहमत जयंत भाई, मोगली जी का भारत रत्न और राज्यसभा सीट चवन्नी नहीं होते।” इसके अलावा भी कई यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।