ज्ञात हो कि 28 जुलाई को सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो क्लिप वायरल हुई थीं, जिनमें नयन सागर महाराज अतिशय क्षेत्र वहलना में रात को खतौली निवासी युवती के कमरे में आते-जाते दिखार्इ दे रहे थे। वहीं वीडियो में युवती को भी नयन सागर महाराज का इंतजार करते हुए गैलरी में देखा गया था। वीडियो वायरल होते ही मुजफ्फरनगर के खतौली में इसका जमकर विरोध हुआ। वहीं वीडियो वायरल होने के बाद रुड़की में अध्धयनरत यह युवती अचानक गायब हो गई थी। इसके बाद युवती के परिजनों ने हरिद्वार के बहादराबाद थाने पर नयन सागर के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कराया था। इसके साथ ही वहलना प्रवास के दौरान की ही दो अन्य वीडियो भी वायरल हुई। हालांकि इसके बाद तीन अगस्त को युवती ने अचानक बहादराबाद थाने में आकर कोर्ट में बयान देकर नयन सागर महाराज को क्लीन चिट दे दी थी। इसी बीच युवती ने सोशल मीडिया पर अपना बयान वायरल कर कुछ लोगों पर नयन सागर और उसे बदनाम करने की साजिश करार दिया था। बता दें कि आज तक युवती अपने घर खतौली नहीं लौटी है।
इस मामले में जैन समाज के लगातार विरोध को देखते हुए मंगलवार को गुरु आचार्य निर्मल सागर के दरबार में सुनवाई हुई। बताया जा रहा है कि इस दौरान आचार्य सुनील सागर महाराज, डॉ. जयकुमार जैन, प्रोफेसर वर्षभ प्रसाद जैन वर्धा, जैन संतों और समाज के लोगों की मौजूदगी में आचार्य निर्मल सागर महाराज ने कहा कि यदि लड़की बयान दे या कोई ऐसा वीडियो उनके सामने जिस में कुछ आपत्तिजनक हो, तो वह नयन सागर को कपड़े पहना देंगे। उन्होंने कहा कि वीडियो प्रकरण के बाद समाज में नयन सागर की बहुत बदनामी हुर्इ है। इसलिए जैन ग्रंथों के आधार पर उनकी दीक्षा के 5 साल कम करते हुए उनसे उपाध्याय की पदवी छिनी जाती है। इसके अलावा अब उन्हें तीन माह तक मौन रहना होगा। इस दौरान वे संघ के साथियों से तो मिल सकते हैं, लेकिन किसी से बात नहीं कर सकते। इसके साथ ही उन्हें प्रायश्चित करने के लिए गिरनार पर्वत की 22 बार यात्राएं करनी होंगी। साथ ही वे तीन वर्ष तक उन स्थानों पर नहीं जाएंगे जहां उनकी बदनामी हुर्इ है। बता दें कि इस फैसले के दौरान मुजफ्फरनगर, खतौली आैर दिल्ली से जैन समाज के लोग मौजूद थे।