यूपी की अनोखी पुलिस, आरोपियों की बजाए पीड़िता के पति को इसलिए भेज दिया जेल
पुलिस ने भी महिला को अभद्रता कर भगाया
जहां एक तरफ भारत सरकार मुस्लिम महिलाओं की हक की लड़ाई लड़ते हुए तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट तक में सुनवार्इ हुर्इ। इसमें मुस्लिम महिलाओं को उनका हक दिलाने का दावा कर कानून बनाने के आदेश दिये गये थे। लेकिन इस पर कोर्इ असर नहीं हुआ। यहीं वजह है कि तीन तलाक पर कोर्इ पीड़ितों की सुनवार्इ नहीं हो रही है। ताजा मामला जनपद शामली के झिझाना थाना क्षेत्र के कस्बा चौसाना का हैं। यहां चौसाना निवासी जैनब की करीब 5 साल पहले थाना भवन के मोहल्ला रेतीवाला निवासी जाहिद पुत्र सहजाद के साथ इस्लामिक रीति रिवाज से हुई थी। जैनब का अपने ससुराल पक्ष पर आरोप है कि 5 साल बाद भी जब उसके कोई औलाद नहीं हुई तो उन्होंने दहेज में कार और बच्चे न होने पर पति ने तीन बार तलाक-तलाक-तलाक बोलकर तलाक दे दिया और घर से बाहर निकाल दिया।
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पति के ये कदम उठाने पर परिजनों काे दी जानकारी
जिसके बाद पीड़ित जैनब ने मामले की जानकारी अपने परिजनों को दी तो परिजन पीड़िता को लेकर जैसे ही थाने पहुंचे तो आरोप हैं कि झिंझाना थानाध्यक्ष ने उनकी गुहार सुनने के बजाए पीड़िता को थाने से बाहर चले जाने के लिए कह दिया और उनकी कोई सुनवाई नहीं की। जिसके बाद पीड़िता आज शामली पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर शिकायत करने पहुंची। वहां उन्होंने एडिशनल एसपी को आप बीती सुनाई। जिसके बाद एएसपी श्लोक कुमार ने मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए थाना अध्यक्ष की भी जांच कराने की बात कही है।