हम बात कर रहे हैं मुजफ्फरनगर ( Muzaffarnagar ) जिले के गांव राई नगला के रहने वाले
भट्टा व्यापारी संजय धीमान की। संजय धीमान हाल ही में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सक्रिय थे। उनका कहना है कि मतदान के बाद जब वह घर लौटे तो उन्हें बुखार हो गया। इसके बाद उन्हें अपने अंदर कोरोनावायरस जैसे प्राथमिक लक्षण दिखाई देने लगे। हालांकि जांच कराने पर मलेरिया बुखार की पुष्टि हुई लेकिन डॉक्टर ने उन्हें सलाह दी कि उन्हें क्वॉरेंटाइन हो जाना चाहिए। अगर वह कोरोनावायरस से पीड़ित हुए तो पूरे परिवार को यह संक्रमण अपनी चपेट में ले सकता है और गांव में भी वायरस फैल सकता है।
डॉक्टर की सलाह के बाद संजय धीमान ने बड़े अस्पताल ना जाकर प्रकृति की शरण ले ली। अपने ईट भट्टे के पास ही उन्हाेंने जंगल में खुद को क्वॉरेंटाइन कर लिया। संजय धीमान के अनुसार वह नहीं चाहते थे कि वायरस परिवार या गांव में फैले और यही साेचकर उन्हाेंने खुद को जंगल में क्वॉरेंटाइन किया। अच्छी बात यह है कि कई दिन जंगल में क्वॉरेंटाइन रहने के बाद अब वह खुद को स्वस्थ महसूस कर रहे हैं। संजय धीमान का कहना है कि पिछले दिनों उन्हें बुखार के बाद खांसी भी होने लगी थी और सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी लेकिन जंगल में जब उन्होंने दवाइयों के साथ-साथ शुद्ध ऑक्सीजन ली तो उन्हें आराम मिला है और अब वह खुद को स्वस्थ महसूस कर रहे हैं।