दरअसल मामला जनपद मुजफ्फरनगर के थाना बुढ़ाना कोतवाली के गांव गढ़ी राजपुर का है। 10 वर्ष पूर्व पायल पुत्री रमेश चंद निवासी गांव कंडेला जनपद शामली ने अपनी विकलांग पुत्री की शादी राजपुर गांव के अनिल से की थी। शादी में रमेश ने शादी में अपनी हैसियत से ज्यादा पैसा लगाया था ताकि उसकी विकलांग पुत्री खुशी से अपना जीवन यापन कर सके। लेकिन दहेज लोभियों द्वारा शादी के 3 वर्ष बाद ही महिला के परिजनों से 2 लाख रुपयों की मांग रखी। फिर भी विकलांग के पिता ने किसी तरह कर्ज लेकर 1 लाख रुपए दहेज लोभियों को लेकर दे दिए। इन्हीं 10 वर्षों में विकलांग महिला को 5 बच्चे पैदा हुए, जिसमें 4 बेटियां व 1 बेटा है।
कुछ समय बाद फिर से ससुराल पक्ष द्वारा लड़की के पिता से रुपयों की मांग रखी गई। जिसको विकलांग महिला का पिता पूरी नहीं कर सका और उसके पति ने गांव राजपुर का मकान बेचकर थाना फुगाना के गांव में रहने लगा। वहां पर पहली पत्नी के रहते हुए विकलांग महिला के पति ने दूसरी शादी कर ली और विकलांग महिला आज भी गांव राजपुर में किराए के मकान में रहकर अपना और अपने बच्चों का पालन-पोषण कर रही है, पर विकलांग महिला के पास आय का कुछ भी साधन नहीं है। इसकी वजह से वह अदालत में अपने पति पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है। फिलहाल कोई मदद न मिलने के कारण वह बहुत परेशान है। महिला ने सम्पूर्ण समाधान दिवस में आकर बुधवार को अधिकारियों को अपनी समस्या बताई और इंसाफ की मांग की।