‘इस केस में 6 महीने तक की सजा, वही कर देते”
बुधवार को कोर्ट का फैसला आने के बाद राष्ट्रीय लोकदल के विधायक अनिल कुमार ने अपनी सजा पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “15 दिन की सजा और 100 रुपए जुर्माना। ये तो बेइज्जती ही कर दी। आचार संहिता उल्लंघन के इस केस में 6 महीने तक की सजा हो सकती है। कम से कम जज साहब 6 महीने की सजा ही सुना देते।”
बुधवार को कोर्ट का फैसला आने के बाद राष्ट्रीय लोकदल के विधायक अनिल कुमार ने अपनी सजा पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “15 दिन की सजा और 100 रुपए जुर्माना। ये तो बेइज्जती ही कर दी। आचार संहिता उल्लंघन के इस केस में 6 महीने तक की सजा हो सकती है। कम से कम जज साहब 6 महीने की सजा ही सुना देते।”
अनिल कुमार ने साथ ही ये भी जोड़ा कि वो फैसले से खुश नहीं हैं। इसके बावजूद अदालत ने जो भी फैसला दिया, उसका वो सम्मान करते हैं। अनिल कुमार ने इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने की बात कही है।
2017 में दर्ज हुआ था केस
अनिल कुमार के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का ये मुकदमा 2017 में सिविल लाइन थाने में दर्ज हुआ था। अनिल कुमार पर नियमों के खिलाफ जाते हुए भीड़ के साथ पहुंचकर नामांकन करने के आरोप में केस हुआ था। जिसमें अब फैसला आया है।
अनिल कुमार के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का ये मुकदमा 2017 में सिविल लाइन थाने में दर्ज हुआ था। अनिल कुमार पर नियमों के खिलाफ जाते हुए भीड़ के साथ पहुंचकर नामांकन करने के आरोप में केस हुआ था। जिसमें अब फैसला आया है।
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मुजफ्फरनगर का दलित चेहरा माने जाते हैं अनिल कुमार
अनिल कुमार तीसरी बार विधायक बने हैं। 2022 में वो पुरकाजी से राष्ट्रीय लोकदल के निशान पर विधायक बने हैं। इससे पहले 2012 में पुरकाजी और 2007 में चरथावल से बसपा के टिकट पर वो एमएलए रह चुके हैं। अनिल कुमार मुजफ्फरनगर और शामली जिले में अकेले दलित विधायक हैं। राष्ट्रीय लोकदल में भी वो अकेले दलित एमएलए हैं। ऐसे में उनको मुजफ्फरनगर के दलित चेहरे के तौर पर भी देखा जाता है।