मुजफ्फरनगर दंगाः सीएम योगी ने जारी किया बड़ा आदेश, 20 मुकदमे वापस लेगी सरकार
खबर के मुख्य बिंदु-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी सपा के शासनकाल में हुए मुजफ्फरनगर दंगे के 20 मुकदमे वापस लेने की अनुमति
अब तक 74 मुकदमे वापस लेने की अनुमति दे चुकी है प्रदेश की भाजपा सरकार
जिला प्रशासन के पांच पहुंचा प्रदेश सरकार का शासनादेश
मुजफ्फरनगर दंगाः सीएम योगी ने जारी किया बड़ा आदेश, 20 मुकदमे वापस लेगी सरकार
मुजफ्फरनगर . 2013 में समाजवादी पार्टी के शासनकाल में हुए मुजफ्फरनगर दंगे के 20 मुकदमे वापस लेने की अनुमति योगी आदित्यनाथ सरकार ने दे दी है। सरकार की ओर से इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। बता दें कि मुजफ्फरनगर दंगों में भाजपा सरकार अब तक 74 केसों को वापस लेने की अनुमति दे चुकी है। ये सभी मुकदमे आगजनी, लूट और डकैती आदि से संबंधित हैं, जो पुलिस प्रशासन और जनता की तरफ से दर्ज कराए गए थे। कयास लगए जा रहे हैं कि प्रदेश सरकार और भी मुकदमे वापस लेगी।
ज्ञात हो कि 2018 में प्रदेश की भाजपा सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगे के मुकदमे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की थी। योगी सरकार तब से अब तक 74 केस वापस लेने की अनुमति दे चुकी है। बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले शासन की ओर से 7 आदेश आए थे, जिनके तहत 48 मुकदमों को वापस लेने की अनुमति प्रदान की गई थी। वहीं 5 केसों का निस्तारण हो चुका है, जबकि एक मुकदमे में पुलिस प्रशासन ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। वहीं, अब योगी सरकार की ओर से 3 आदेश जारी किए गए हैं, जिनमें बीस मुकदमे वापस लेने की अनुमति प्रदान की गई है।
इस मामले में बुढ़ाना विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक उमेश मलिक का कहना है कि प्रदेश सरकार ने अब 20 मुकदमों को वापस लेने की अनुमति दी है। इसका शासनादेश जिला प्रशासन को मिल चुका है। उन्होंने बताया कि दंगे के चिह्नित 92 केसों में से अब तक 74 को वापस लेने की अनुमति सरकार दे चुकी है। इनमें से 18 में वापसी की प्रक्रिया चल रही है। बता दें कि पुलिस ने मुजफ्फरनगर दंगे के बाद 500 से अधिक लोगों पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए थे। इनमें लूट, डकैती और आगजनी से संबंधित सबसे अधिक केस फुगाना थाना में दर्ज किए गए थे।
इस संबंध में एडीजीसी अंजुम खान का कहना है कि सरकार की ओर से अभी तक 74 मुकदमे वापस लेने की अनुमति मिली है, जिनमें से कुछ मुकदमे सीजेएम और कुछ सेशन कोर्ट में चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन की पत्रावली के अनुसार अदालत में मुकदमे वापस लेने की अपील की जाएगी। इस पर अंतिम फैसला अदालत ही लेगी। उन्होंने बताया कि अभी 20 मुकदमे की अपील अदालत से की गई है, लेकिन फरवरी माह से अदालत नहीं चलने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी है।
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