यह कहा केंद्रीय मंत्री ने केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 12-15 साल के नाबालिग बच्चों के साथ में कुछ मदरसों के भी बच्चे गिरफ्तार हुए हैं। आखिर मदरसों के बच्चे किसने और क्यों निकाले, इसकी जांच होनी चाहिए। कारगिल के सांसद का उनके पास फोन आया था। कारगिल का एक बच्चा भी वहां मदरसे में पढ़ता है। वह मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) उपद्रव में शामिल था। आखिर वह कैसे यहां आया और किसने उसे भेजा, इसकी भी जांच हो। मदरसों को कंट्रोल करने का काम कौन करता है और किसके कहने पर मदरसों से बच्चे यहां आए। यहां से देवबंद नजदीक पड़ता है। यह मदरसों से जुड़ा हुआ मामला है।
महमूद मदनी पर साधा निशाना केंद्रीय मंत्री बोले कि उन्होंने प्रशासन से खुद कहा है कि इस मामले में जो भी नाबालिग बच्चे हैं, उनके साथ नरमी से पेश आया जाए और उन्हें एक मौका दिया जाए। इसमें उन्हें ना फंसाया जाए। हिंसा वाले दिन 50 हजार लोग किसके कहने पर बाहर आये, इसकी किसी राजनीतिक पार्टी या धार्मिक संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है। अगर कोई लेता तो कोई बात नहीं थी, लेकिन किसी ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली। इसकी भी जांच होनी चाहिए। यही नहीं मंत्री ने तो जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय महासचिव महमूद मदनी पर भी निशाना साधा। महमूद मदनी ने कहा था कि गोलियां कम पड़ जाएंगी पर सीने कम नहीं पड़ेंगे। इस पर भी संजीव बालियान ने कहा कि महमूद मदनी की भी जांच होनी चहिए। वह भी कई मदरसों से जुड़े हुए हैं।