कहते हैं राजनीति में दोस्ती और दुश्मनी कभी स्थाई नहीं होती। भले ही आज नेता किसी दल में हो, मगर उसे दल बदलने में समय नहीं लगता। इसलिए शायद नेताओं का भी आपस में चोली दामन का साथ रहता है। इसी का एक नजारा जनपद मुजफ्फरनगर में एसएसपी कार्यालय में देखने को मिला। दरअसल, मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा मामले में पुलिस की कार्रवाई से नाराज बहुजन समाज पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद राजपाल सैनी और पूर्व सांसद कादिर राणा पूर्व विधायक नूर सलीम राणा उर्फ पप्पू राणा औरपूर्व जिलाध्यक्ष रामनिवास पाल सहित दर्जनों बसपा नेता SSP से मुलाकात करने पहुंचे थे, इस दौरान बसपा नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस निर्दोष लोगों के खिलाफ कार्यवाही कर रही है। जबकि SSP ने उन्हें निर्दोष लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने देने और दोषियों को न बख्शने का आश्वाशन दिया।
वही, जब बसपा नेता एसएसपी कार्यालय में घुस गए तो अपने
काम से आए भाजपा के बुढ़ाना विधानसभा सीट से विधायक उमेश मलिक भी एसएसपी कार्यालय में घुस आए। विधायक उमेश मलिक को देखते ही बसपा के पूर्व सांसद राजपाल सैनी से रहा नहीं गया। आखिर उन्होंने सत्ताधारी विधायक पर व्यंग कर ही डाला। राजपाल सैनी ने उमेश मलिक को कहा कि चाहे तु कितने भी करले सितम, नगर हंस-हंस के सहेंगे हम। अगर हमारी सरकार आई तो हम आपको बहुत ज्यादा सम्मान देंगे। बसपा नेताओं का इशारा था कि मुजफ्फरनगर में जो सब हो रहा है। वह सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर हो रहा है। वहीं, भाजपा विधायक ने एसएसपी कार्यालय से बाहर आकर मीडिया से रूबरू होते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।