यह भी पढ़ें: दिल्ली के बाद अब गाजियाबाद की लोहा मंडी में लगी भीषण आग
दरअसल, सोमवार को मुज़फ्फरनगर में कचहरी परिसर स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पर राष्ट्रवादी ब्राह्मण महासंघ के दर्जनों पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन के नाम एक ज्ञापन सौंपता। इस दौरान इन लोगों ने बताया कि राष्ट्रवादी ब्राह्मण महासंघ आरक्षण के विरोध में धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि इस देश की सरकार ने सवर्णों के खिलाफ नाइंसाफी की जा रही है, जबकि इस देश में जब देश आजाद हुआ था तो आरक्षण महज 10 सालों के लिए लागू किया गया था, जिससे कि पिछड़ा वर्ग और दबे कुचले लोगों को आरक्षण देकर बराबरी पर लाया जा सके। लेकिन, देश में जो भी सरकार आती है। उसे वोटों के कारण 10 प्रतिशत और बढ़ा दिया जाता है, क्या ये पार्टी आरक्षण पर ही सरकार बनाती है। यह सवर्णों के खिलाफ एक षड्यंत्र है।
यह भी पढ़ें: दिल्ली अग्नीकांड में जान गंवाने से पहले फोन पर दिल दहला देने वाली बात करने वाले मुशर्रफ के घर मातम
इन लोगों ने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि आरक्षण को पूर्ण रूप से समाप्त किया जाए। अगर आरक्षण देना ही है तो आर्थिक आधार पर दे दिया जाए। इससे किसी भी समाज को आपत्ति नहीं होगी। संविधान के हिसाब से जब से प्रथम नागरिक यानी महामहिम राष्ट्रपति जो खुद एससी जाति से आते हैं, तो देश को अब आरक्षण की जरूरत नहीं है। ल्हाजा, राष्ट्रवादी ब्राह्मण संघ जातीय आरक्षण का पुरजोर तरीके से विरोध करता है। या तो आरक्षण पूर्ण रूप से समाप्त किया जाए, या फिर आरक्षण आर्थिक आधार के तौर पर दिया जाए।