दरअसल थाना रामराज क्षेत्र का है जहां गांव आलमपुर निवासी किसान सुरजीत सिंह के पिता व माता के नाम लगभग 150 बीघा कृषि भूमि है। मगर किसान की खसरा- खतौनी की नकल में उक्त भूमि का रकबा दर्ज नहीं है। कुछ दिन पूर्व खसरा-खतौनी में रकबा दर्ज कराने के लिए सुरजीत चकबंदी कार्यालय जानसठ में नियुक्त चकबंदी कानूनगो सुनील कुमार से मिला और अपनी कृषि भूमि का रकबा खसरा-खतौनी में दर्ज कराने की मांग की थी। आरोप है कि चकबंदी कानूनगो सुनील कुमार ने किसान से उसका रकबा दर्ज करने के लिए सवा लाख रूपए की मांग की थी। किसान सुरजीत द्वारा एक बार में इतनी मोटी रकम देने में असमर्थता जताते हुए 50 हजार रुपए पहले देकर बाकी पैसे बाद में देने की बात तय हुई।
उसके बाद किसान सुरजीत सिंह ने चकबंदी कानूनगो द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत मेरठ एंटी करप्शन कार्यालय में कर दी थी। किसान की शिकायत पर एक टीम का गठन किया गया, जिसमें इंस्पेक्टर उदय सिंह, केपी सिंह व रणवीर सिंह की टीम के सदस्य मुजफ्फरनगर जिला अधिकारी से मिले और 2 सरकारी गवाहों को लेकर चकबंदी कार्यालय पहुंचे। फिर योजनाबद्ध तरीके से किसान सुरजीत सिंह ने कानूनगो सुनील कुमार को 50 हजार रुपए की रिश्वत दी, जिसे लेते हुए एंटी करप्शन की टीम ने कानूनगो को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। एंटी करप्शन की टीम ने इस पूरे मामले में रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।