यह भी पढ़ेंः
दस पुलिसवालों को खड़ा किया लाइन में तो महिला ने खोला चौंका देने वाला राज आठ साल पहले यह हुआ था थाना शाहपुर क्षेत्र के गांव हरसौली में 25 फरवरी 2010 को वालीबॉल खेलने को लेकर दो पक्षों में संघर्ष हो गया था। इस संघर्ष में नसीम पुत्र शमशुद्दीन की गोली लगने से मौत हो गई थी, जबकि दोनों पक्षों के अन्य कई लोग लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे इस मामले में मृतक नसीम के भाई इरफान द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया था।
यह भी पढ़ेंः
वेस्ट यूपी-एनसीआर में अगले महीने इतना गिरेगा तापमान कि नए साल का जश्न मनाना हो जाएगा मुश्किल सात लोगों को फांसी की सजा जिसमे कोर्ट में चल रहे मुकदमे में मंगलवार को एडीजे 11 राजेश भारद्वाज द्वारा फैसला सुनाते हुए आरोपी सादिक, शाहिद, अरशद, राशिद, सरफराज, फारुख तथा मुमताज को दोषी मानते हुए उन्हें फांसी की सजा सुनाई है जिसमें (सरकारी अधिवक्ता) एडीजीसी कमल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि शाहपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत दो पक्षों में संघर्ष हुआ था, जिसमें एक युवक नसीम की हत्या कर दी गयी थी जबकि इसमे 3 लोग घायल हो गए थे जिनमें कोर्ट ने सुनवाई करते हुए हत्या के मामले में 7 लोगो को फंसी की सजा और हत्या के प्रयास में उम्रकैद की सजा सुनाई है।
दूसरे पक्ष के तीन को ये सजा वहीं इसी गांव हरसौली निवासी दूसरे पक्ष को अदालत ने सोमवार को युवक पर जानलेवा हमला करने वाले तीन लोगों को दस-दस वर्ष का कारावास व जुर्माना की सजा सुनाई थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार थाना शाहपुर पर गांव हरसौली निवासी शौकत पुत्र अलमुद्दीन ने 2 मार्च 2010 को इसी 25 फरवरी 2010 के झगड़े को लेकर मृतक नसीम पक्ष के 4 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमे बताया था कि उसका पुत्र सरफराज गांव में मेडिकल स्टोर पर दवा लेने गया था। तभी गांव के नसीम, खलील, रेयान व शाकिर उर्फ शाकिल ने एक राय होकर उस पर हमला कर दिया। इसमें उसका पुत्र गंभीर घायल हो गया। इस मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 11 की कोर्ट में हुई थी जसमे जज ने दोनों पक्षों को सुनते हुए अभियुक्त खलील, रेयान व शाकिर को जान लेवा हमला करने का दोषी करार देते हुए धारा 307 /34 के तहत 10-10 वर्ष का कारावास और 5-5 हजार रुपया का जुर्माना, धारा 504 के तहत 2-2 वर्ष का कारावास, धारा 506 के तहत 5-5 वर्ष का कारावास की सजा सुनाई है। सह अभियुक्त नसीम की हत्या हो जाने के कारण उसकी फाइल बंद कर दी गई।