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मुजफ्फरनगर में एचआईवी एड्स के 36 नए मामले आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। वहीं मुजफ्फरनगर के लिए भी यह चिंता का विषय बन गया है। इस जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकार से लेकर जिला स्वास्थ विभाग की ओर से विभिन्न तरह के जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं, ताकि लोग इस गंभीर बीमारी के प्रति सजग हो सकें। मुजफ्फरनगर के युवाओं के लिए यह बहुत ही बुरी खबर है कि अप्रैल माह में जिला अस्पताल के अंतर्गत 36 नए एड्स से संबंधित केस सामने आए हैं। वहीं मार्च में 21, फरवरी में 37 और जनवरी में 25 एड्स मरीजों की पुष्टि हुई है, जिनका जिला अस्पताल में इलाज शुरू किया गया है। खेलो पत्रिका Flash Bag NaMo9 Contest और जीतें आकर्षक इनाम, कॉन्टेस्ट मे शामिल होने के लिए http://flashbag.patrika.com पर विजिट करें। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीएस मिश्रा ने बताया कि यह चिंता का विषय है कि इस बीमारी से रोकथाम के लिए बहुत से प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन फिर भी युवाओं में यह बीमारी लगातार पैर पसार रही है। ज्यादातर यह बीमारी नशा करने वाले व्यक्ति को संक्रमित सुई का इस्तेमाल करने से होती है। वह एक सुई को दूसरे के साथ साझा करते हैं, जिससे यह बीमारी फैलती है।
वहीं जो व्यक्ति बाहर रहकर ट्रक चलाने का कार्य करते है, वह इस तरह की बीमारियों का शिकार हो जाते हैं और इन लोगों के जरिये शहर में भी बीमारी फैलती है। क्योंकि जब ये व्यक्ति बाहर रहते हैं तो अपनी सुरक्षा की परवाह किए बगैर यौन संबंध बनाते हैं और इस गंभीर बीमारी को दावत देते हैं। उन्होंने बताया कि हमें इसके लिए और अधिक जागरूक होना होगा। इस बीमारी को अगर जड़ से खत्म करना है तो युवाओं को आगे आना होगा तभी समाज भी जागरूक होगा।
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