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धातु क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार स्तंभ

भारतीय शेयर बाजार में धातु क्षेत्र एक प्रमुख बाजार के रूप में उभर रहा है।

जयपुरAug 10, 2024 / 12:25 am

Narendra Singh Solanki

भारतीय शेयर बाजार में धातु क्षेत्र एक प्रमुख बाजार के रूप में उभर रहा है। मजबूत मांग, सरकारी समर्थन और सकारात्मक आर्थिक दृष्टिकोण से प्रेरित इस क्षेत्र ने बाजार की ऊर्ध्व गति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। धातु क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार स्तंभ है, जिसमें बहुमूल्य धातुओं के साथ-साथ मेटल और नॉन मेटल धातुएं शामिल हैं। यह बांधकाम निर्माण और आधारभूत संरचना से लेकर ऑटोमोटिव और एयरोस्पेस तक विभिन्न उद्योगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल एएमसी के इंवेस्टमेंट स्ट्रेट्जी प्रिंसिपल चिंतन हरिया के अनुसार भारत वैश्विक स्तर पर कच्चे स्टील के उत्पादन में दूसरे पायदान तथा कच्चे लोहे के उत्पादन में चौथे पायदान पर जाना जाता है। धातु क्षेत्र के बाजार का ग्रोथ 2023 में 19 प्रतिशत सालाना था, जो 2024 में बढ़कर 23 प्रतिशत हो गया। अभी हाल के ही सालों में भारत की आर्थिक बढ़ोत्तरी के मामले में मेटल क्षेत्र ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
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निफ्टी मेटल इंडेक्स: सेक्टर में निवेश का प्रारंभ

निफ्टी मेटल इंडेक्स इस प्रकार से बनाया गया है, जो धातु क्षेत्र के प्रदर्शन तथा व्यवहार को बहुत अच्छे से प्रदर्शित करता है, जिसमें खनन भी शामिल है। निफ्टी मेटल इंडेक्स में अधिकतम 15 स्टॉक शामिल है, जो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हैं। ये कंपनियां अपने बाजार मूल्य के आधार पर निफ्टी 500 से चयनित हैं, जो इस क्षेत्र के व्यापक प्रदर्शन को बाजार व निवेशकों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। इस इंडेक्स की संरचना यह सुनिश्चित करती है कि एक कंपनी 33 प्रतिशत से ऊपर न रहे और प्रमुख तीन कंपनियां मिलकर इस इंडेक्स में 62 प्रतिशत से ऊपर न जाए। निफ्टी इंडेक्स इस धातु क्षेत्र का आधारभूत स्तंभ है, जो निफ्टी 500 से जुड़े मेटल कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन को ट्रैक करता है। पिछले कुछ दशकों में, एनबीएफसी संकट, नोटबंदी, कोविड-19 महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी घटनाओं के बावजूद, निफ्टी मेटल टीआरआई ने उतार-चढ़ाव के दौर का सामना करते हुए, 1, 3, 5 और 7 साल की अवधि में निफ्टी 500 टीआरआई से 200 से 800 आधार अंकों से बेहतर प्रदर्शन किया है। यदि एक वित्तीय वर्ष की तुलना किया जाए, तो निफ्टी मेटल ने पिछले दस वर्षों में निफ्टी 500 से पांच गुणा बेहतर प्रदर्शन किया है। भारत में मेटल सेक्टर के विकास के अनेकों कारण है, जिनका महत्वपूर्ण योगदान है। देश की बढ़ती हुई आर्थिक अर्थव्यवस्था ने अनेक उद्योग धंधों में धातु की मांग को बढ़ाया है।
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अनुकूल नीतियां, आकर्षक मूल्यांकन

भारत सरकार ने धातु क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए अनेक नीतिगत योजनाएं लागू की हैं। इनमें 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देना, स्टील संचालन के निजी स्वामित्व को प्रोत्साहित करना और महत्वपूर्ण कच्चे माल पर सीमा शुल्क कम करना शामिल है। मुख्य रूप से स्टील के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना घरेलू उत्पादन को और अधिक प्रोत्साहित करती है। ये उपाय सामूहिक रूप से इस क्षेत्र के विस्तार के लिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, भारत का स्टील उत्पादन क्षमता वर्तमान में 150 मीट्रिक टन की तुलना में 2030 तक 300 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष पहुंचने की संभावना है, जिससे मांग प्रभावी रूप से दोगुनी हो जाएगी। इस आशाजनक प्रदर्शन के बावजूद भी निफ्टि मेटल इंडेक्स का मूल्यांकन 2.8 प्राइज बुक है, जो निफ्टि 500 के बाजार 4.4 प्राइज बुक की तुलना में कम है। मेटल इंडेक्टस 30 बीपीएस है जो उच्च योग्यता के आधार पर 1.38 प्रतिशत का ऑफर प्रदान करता है। यह निवेशकों के लिए विकास की संभावनाओं का लाभ उठाने का अवसर प्रस्तुत करता है। धातुओं की बढ़ती मांग, सरकारी नीतियों के अनुकूल, इस क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य का सुझाव देती है।

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