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क्या रखी है कीमत
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए इश्यू प्राइस 5334 रुपए प्रति ग्राम रखा हैै। मौजूदा वित्त वर्ष की यह पांचवी खेप है, जिसे लांच किया जा रहा है। खास बात तो ये है कि पिछली सीरीज के मुकाबले इस बार इश्यू प्राइस 482 रुपए प्रति ग्राम ज्यादा महंगा हैै।पिछली बार इश्यू प्राइस 4852 रुपये प्रति ग्राम रखा था। जिसे छह जुलाई से 10 जुलाई के बीच लाया गया था।
कितनी मिलेगी छूट
रिजर्व बैंक की ओर से जारी बयान के अनुसार गोल्ड बांड ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने वाले को प्रति ग्राम पर 50 रुपए की छूट दी जाएगी। जिसके बाद गोल्ड बांड की कीमत 5,284 रुपए प्रति ग्राम रह जाएगी। आपको बता दें कि मोदी सरकार की ओर से अप्रैल में गोल्ड बांड की घोषणा की थी, जिसे 6 किस्तों में लाने की योजना था।
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कैसे तय की जाती है कीमत?
जानकारों के अनुसार जिस हफ्ते गोल्ड बांड को जारी किया जाता है, उसके ठीक पहले वाले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन के 999 शुद्धता वाले सोने के क्लोजिंग रेट की औसम कीमत को ही बांड का इश्यू प्राइस बना दिया जाता है। अगर बात वायदा बाजार में सोने के अगस्त अनुबंध की कीमत की बात करें को शक्रवार को 622 रुपए की तेजी के साथ 53800 रुपए पर बंद हुआ है। जबकि सितंबर का अनुबंध की कीमत 53515 रुपए प्रति दस ग्राम देखने को मिल रही है।
आखिर क्या है इसका फायदा
गोल्ड बांड में निवेश करने के काफी फायदे हैं। इसमें निवेश करने के बाद आपको फिजिकल गोल्ड की टेंशन समाप्त हो जाती है। जिस प्राइस मपर आप खरीदते हैं उसमें आपको नुकसान की कोई गुंजाइश नहीं होती है। सरकार यानी आरबीआई की ओर से जारी इस बांड योजना में आपको किसी तरह के असुरक्षा की भावना से दूर रखता है। वहीं गोल्ड बॉन्ड्स पर हर साल 2.50 फीसदी का ब्याज मिलता है जो आपकी गाढ़ी कमाई है। मैच्योरिटी के बाद अगर आपको बड़ा लाभ होता है तो आपको टैक्स देने की भी जरुरत नहीं है।
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इन निवेशकों के लिए जरूरी है गोल्ड बांड
इस स्कीम की सबसे बड़ी खास बात तो ये है कि सोने की कीमत में इजाफा होने के साथ आपको प्रत्येक 2.5 फीसदी का ब्याज भी मिलता है। वहीं इसमें डिफॉल्ट होने का खतरा भी नहीं होता है। इस स्कीम से बाहर निकलना भी काफी आसान है। वहीं इस स्कीम में निवेशकों को कैपिटल गेंस भी नहीं देना होगा। अगर बात बीते 10 से 15 सालों की करें तो गोल्ड में निवेश करना काफी फायदे के सौदा साबित हुआ है।