म्यूचुअल फंड

अपॉर्चुनिटीज फंड में निवेश 5 साल में तीन गुना हुआ

अपॉर्चुनिटीज फंड विशेष परिस्थितियों की थीम पर आधारित एक इक्विटी ओरिएंटेड ऑफर होता है।

Feb 13, 2024 / 02:57 pm

Narendra Singh Solanki

अपॉर्चुनिटीज फंड में निवेश 5 साल में तीन गुना हुआ

अपॉर्चुनिटीज फंड विशेष परिस्थितियों की थीम पर आधारित एक इक्विटी ओरिएंटेड ऑफर होता है। विशेष स्थिति तब होती है, जब कोई कंपनी किसी अस्थायी समस्याओं के दौर से गुजर रही होती है, जिसके परिणामस्वरूप प्राइस करेक्शन होता है। लेकिन, इस दरमियान कंपनी के लॉन्‍ग टर्म फंडामेंटल मजबूत बने रहते हैं। किसी विशेष परिस्थिति का निर्माण तब होता है जब कंपनी या सेक्टर से जुड़े कायदे कानून या रेगुलेटरी परिवर्तन होते हैं या वैश्विक स्तर पर बड़ी घटनाएं घटती है। अपॉर्च्युनिटीज जैसा फंड ऐसी विशेष परिस्थितियों से गुजर रही कंपनियों में निवेश कर लाभ कमा रहे है। फंड का पांच साल का ट्रैक रिकॉर्ड है और इन वर्षों में इसने अच्छा-खासा अल्फा प्रदान किया है।

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फंड का पांच सालों में शानदार प्रदर्शन

15 जनवरी 2019 को 10 लाख रुपए का एकमुश्त किया गया निवेश 15 जनवरी 2024 तक बढ़कर 28 लाख रुपए हो गया होगा, जो 22.9 प्रतिशत का शानदार सीएजीआर दर्शाता है। इसकी तुलना में स्कीम के बेंचमार्क निफ्टी 500 टीआरआई में इतने ही निवेश से 23 लाख रुपए मिलते, यानी इसका सीएजीआर 19 प्रतिशत रहा। इसके अलावा, तीन साल के दरमियान इस फंड ने बेंचमार्क के 19.8 प्रतिशत सीएजीआर को पार करते हुए 37.7 प्रतिशत का सीएजीआर देकर अपने बेंचमार्क से 17.9 प्रतिशत का शानदार प्रदर्शन किया है। इसी तरह, पिछले एक साल में भी बेंचमार्क के 30.6 प्रतिशत को पार करते हुए इसने 38.1 प्रतिशत का रिटर्न देकर अपने बेहतरीन परफॉरमेंस का सिलसिला जारी रखा। जब एसआईपी की बात आती है तो यदि किसी निवेशक ने शुरुआत से ही 10,000 रुपए का मासिक एसआईपी शुरू किया, तो कुल किया गया निवेश 6 लाख रुपए होगा। अब 31 जनवरी, 2024 तक वह निवेश 12.58 लाख रुपए का होगा, जो 30.13 प्रतिशत का दमदार सीएजीआर दर्शाता है। योजना के बेंचमार्क में एक समान एसआईपी ने उसी अवधि के दौरान 22.01 प्रतिशत का रिटर्न दिया होगा।

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क्राइसिस के समय को अवसरों में बदलना

फंड के बारे में अपने विचार साझा करते हुए आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के ईडी और सीआईओ एस. नरेन ने कहा, विशेष परिस्थितियों को एक थीम के रूप में मौजूदा दौर में भारतीय निवेशकों के बीच कम ही पसंद किया जाता है। इसका उद्देश्य क्राइसिस के समय को निवेशकों के लिए लॉन्‍ग टर्म में अवसरों में बदलना है। मुख्य इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी विशेष परिस्थितियों में कंपनियों की पहचान करना है, जिनके लिए 360 डिग्री स्टॉक रिसर्च की आवश्यकता होती है। स्कीम रिटर्न में योगदान देने वाले कुछ प्रमुख सेक्टर ऑटो, टेलीकॉम, फार्मा, पावर, बैंक और फाइनेंस रहे हैं। 31 दिसंबर 2023 तक फंड का एयूएम 15,205.04 करोड़ रुपए है, जिसमें पोर्टफोलियो का 69 प्रतिशत हिस्सा लार्ज कैप का है। इसके बाद मिडकैप का 21 प्रतिशत और स्मॉल-कैप शेयरों का 10 प्रतिशत हिस्सा है। यह पोर्टफोलियो को बाजार पूंजीकरण में अच्छी तरह से डायवर्सीफाइड बनाता है। फंड की टॉप होल्डिंग्स के सेक्टोरल डिस्ट्रीब्यूशन में बैंकों, फार्मास्यूटिकल्स, दूरसंचार सेवाओं और फाइनेंस सेक्टर में प्रमुखता से एलोकेशन किया गया है।

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