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आखिर क्यों देखने को मिल रही है तेजी
सोने में तेजी का अहम कारण है इक्विटी मार्केट का धराशायी होगा और इकोनॉमी में लगातार गिरावट देखने को मिलना। केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार जब भी इक्विटी मार्केट में गिरावट देखने को मिलती है तब-तब कीमती धातुओं खासकर गोल्ड की कीमतों में तेजी देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि गिरती इकोनॉमी में भी गोल्ड की ओर इंवेस्टर्स का झुकाव देखने को मिलता है। वर्ष 2000 और वर्ष 2013 में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था। यही मुख्य वजह है इंटरनेशनल और नेशनल मार्केट में सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है।
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सरकार लेकर आ रही है सॉवरेन बांड
वहीं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की किस्तों की तारीखों का ऐलान कर है। सरकार पहला बॉन्ड 20 अप्रैल को जारी करेगी। ऑनलाइन खरीद पर इंवेस्टर्स को प्रति ग्राम 50 रुपए की छूट मिलेगी। मोदी सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की शुरूआत 2015 में की थी। जिसके तहत निवेशक फिजिकल गोल्ड की जगह बैंक या पोस्ट ऑफिस से सोने के बॉन्ड पेपर खरीदते हैं। इस स्कीम के तहत ग्राहकों को ब्याज के साथ-साथ उत्पाद पर सुरक्षा भी मिलती है।
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सॉवरेन बांड हैं कई फायदे
यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रविप्रकाश अग्रवाल के अनुसार सॉवरेन बांड पर निवेशकों को 2.5 फीसदी का ब्याज मिलता है और प्रत्येक 6 महीने में इंवेस्टर्स को दिया जाता है। इस निवेश स्कीम में एक साल साल में कम से कम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलोग्राम सोने में निवेश किया जा सकता है। इस स्कीम की मैच्योरिटी लिमिट 8 साल की है। वैसे पांच साल बाद भी मैच्योरिटी के लिए आवेदन किया जा सकता है। आरबीआई ने 6 सीरिज में बॉन्ड पेपर बेचने का प्यान बनाया है। पहली सीरीज 20 से 24 अप्रैल तक और छठी सीरीज 31 अगस्त से 4 सितंबर तक चलेगी।
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आम निवेशकों को क्या करना चाहिए?
एजेंल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट ( रिसर्च एंड कमोडिटी ) अनुज गुप्ता का कहना है कि मौजूदा समय में गोल्ड की कीमतों में काफी तेजी देखने को मिल रही है। खासकर इंवेस्टमेंट के लिहाज से गोल्ड में निवेश का यह समय काफी अनुकूल है। आने वाले दिनों में बेहतर रिटर्न देखने को मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग रेगुलर इंवेस्टर नहीं है तो वो सॉवरेन गोल्ड बांड की ओर जा सकते हैं। सरकारी स्कीम में इंवेस्टर का निवेश ज्यादा सुरक्षित हैै। ओपेन मार्केट में गोल्ड की कीमतों में मौजूदा समय में तो तेजी देखने को मिल रही है, लेकिन दुनिया के किसी केंद्रीय बैंक की ओर से कुछ पॉलिसी का ऐलान किसा और सोना नीचे गिर गया तो हल्का नुकसान भी देखने को मिल सकता है। जैसा शुक्रवार को देखने को मिला। वायदा बाजारों में सोना 1500 रुपए प्रति दस ग्राम लुढ़का था।
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वे कहां और कितना निवेश करें?
सोने में निवेश पर अजस केडिया का कुछ अलग ही विचार है। उन्होंने कहा कि नॉर्मल डेज में किसी भी इंवेस्टर्स के पोर्टफोलियो में 5 फीसदी हिस्सेदारी गोल्ड में देखने को मिलती है। बाकी हिस्सेदारी उसकी एसआईपी, म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार में देखने को मिलती है। मौजूदा समय में शेयर बाजार में गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है। ऐसे में अब निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में 20 से 25 फीसदी तक हिस्सेदारी गोल्ड इंवेस्टमेंट कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा गोल्ड में निवेश में वैसे कई तरीके है। हम गोल्ड में एसआईपी के जरिए भी निवेश कर सकते हैं।
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भविष्य में सुरक्षा और रिटर्न दोनों की गारंटी
गोल्ड में निवेश आपको सुरक्षा और रिटर्न दोनों की गारंटी देता है। इसके लिए हमें 2000 की मंदी की ओर जाना होगा। अजय केडिया बताते हैं कि 2000 से 2004 के बीच गोल्ड में रिटर्न 25 फीसदी से ज्यादा देखने को मिला था। वहीं 2008 से 2013 के बीच सोने में निवेश पर रिटर्न बढ़कर 35 फीसदी तक पहुंच गया था। चार सालों में इतना रिटर्न कहीं देखने को नहीं मिलता है। अजय केडिया कहते हैं कि आने वाले 2008-13 को ही आधार माने तो सोने पर निवेश में 35 से 40 फीसदी का रिटर्न देखने को मिल सकता है।