इस नये प्रावधान के तहत आपके म्यूचुअल फंड निवेश, इक्विटी शेयर्स पर होने वाले घाटे व नुकसान और उनपर लगने वाले ब्याज के बारे में पहले से ही जानकारी उपलब्ध होगी। आपको बस इन जानकारियों को एक बार चेक करना होगा, उसके बाद आप आसानी से टैक्स जमा कर सकते हैं।
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सेबी से बात कर रहा रेवेन्यू डिपार्टमेंट
राजस्व विभाग ने इसके लिए बाजार नियामक सेबी से बातचीत करने में लगा हुआ है, ताकि लोगों के निवेश संबंधी विवरण उसे मिल सके। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, “इस संबंध में हम सेबी से बात कर रहे हैं। अभी तक हम दो बैठक भी कर चुके हैं।” बता दें कि केंद्र सरकार चाहती है कि आम लोगों टैक्सपेयर्स की टैक्स जमा करने के लिए बार-बार परेशान नहीं होना पड़े।
अधिकारी के मुताबिक, फॉर्म 16 की मदद से इनकम टैक्स फॉर्म पर पहले से ही सैलरी ब्रेकअप के बारे में जानकारी होगी। हालांकि, मौजूदा सैलरी ब्रेकअप के बारे में आपको खुद जानकारी देनी होगी। पहले से दी गई जानकारी वाला फॉर्म आप अपने पैन नंबर की मदद से डाउनलोड कर सकते हैं, जिसमें आपके डिटेल्स, टैक्स की रकम और बैंक अकाउंट डिटेल्स के बारे में जानकारी होगी।
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ब्याज से होने वाली कमाई के बारे में भी होगी जानकारी
अधिकारी ने यह भी बताया कि इन डिटेल्स की मदद से इनकम टैक्स यूटिलिटी आपके सभी सेविंग्स अकाउंट से ब्याज से होने वाली कमाई के बारे में भी जानकारी जुटा सकेगा। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि कोई भी टैक्सपेयर्स किसी भी टैक्स से बच सके। खासतौर पर सेविंग अकाउंट से होने वाली कमाई भी इसमें शामिल होगा।
स्वीडन में पहले से ही है यह व्यवस्था
मौजूदा समय में आईटीआर 1 और 2 में आपकी व्यक्तिगत जानकारी, नियोक्त, टैक्स अलांउस, कट चुके टैक्स के बारे में जानकारी उपलब्ध होती है। स्वीडन जैसे देश में पहले से ही यह व्यवस्था जिसमें इनकम टैक्स फॉर्म में सभी जानकारी पहले से ही मौजूद होती है।