लातूर के किसानों को महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड की ओर से नोटिस मिलने पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “यह आम जनता की सरकार है। हम किसी के ऊपर भी अन्याय नहीं होने देंगे।”
कागज दिखाए किसान- AIMIM नेता
इस मामले को लेकर एआईएमआईएम (AIMIM) के नेता मोहम्मद इस्माइल ने कहा, किसान अगर जमीन पर अपना दावा करते हैं तो कागज दिखाएं। लेकिन अगर यह वक्फ की जमीन है तो उनके पास यह अधिकार है कि अपनी जमीन वापस लेने के लिए वो नोटिस दे। इसमें कोई बुरी बात नहीं है। उन्होंने आगे कहा, ट्रिब्यूनल कोर्ट देखे कि किसके पास जमीनों का मालिकाना पेपर है। अगर वक्फ के रजिस्टर में वो जगह है, तो आज नहीं तो कल वो जगह वापस देनी होगी। लेकिन अगर किसानों की जमीन है, तो वो पेपर दें। नियम के मुताबिक जिसके पास पेपर होंगे, उसको इस जमीन का अधिकार मिलेगा।
‘नोटिस नहीं भेजा गया’
वहीँ, इस मामले पर शिवसेना (यूबीटी) विधायक सुनील प्रभु ने कहा कि लातूर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने यह स्पष्ट किया था कि किसी भी किसान को भूमि से संबंधित कोई नोटिस नहीं भेजा गया है। एक व्यक्ति इस जमीन को हड़पने की कोशिश कर रहा है और उसने कोर्ट के जरिए यह नोटिस भेजा है।क्या है पूरा मामला?
वक्फ बोर्ड के दावे के बाद लातूर के तलेगांव के किसानों में डर का माहौल है। उन्होंने सरकार से दखल देने की मांग की है। दरअसल, संभाजीनगर के वक्फ बोर्ड ने अहमदपुर में 103 किसानों की 300 एकड़ पुश्तैनी जमीन पर दावा ठोका है। किसानों को नोटिस भेजा है। वक्फ ट्रिब्यूनल की तरफ से औरंगाबाद की अदालत में याचिका संख्या 17/2024 के तहत तलेगांव के 103 किसानों की जमीन पर दावा किया गया है। उन किसानों को नोटिस भी जारी किया गया है। इससे अधिकांश ग्रामीण दहशत में है।