बताया जा रहा है कि मेटे मराठा आरक्षण को लेकर मंत्रालय में एक बैठक में शामिल होने के लिए जा रहे थे। उन्हें पहले शाम 4 बजे की बैठक में बुलाया गया था, बाद में बैठक के समय को बदलकर उसे दोपहर 12 बजे कर दिया गया। इसी बैठक में शामिल होने के लिए वे बीड से निकले थे।
मराठी क्रांति मोर्चा (Maratha Kranti Morcha) के नेता ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि मेटे ने बताया था कि वह बीड में हैं और दोपहर 12 बजे तक मुंबई नहीं पहुंच सकते है। लेकिन उन्हें मजबूरन बैठक में आना पड़ा। मराठा क्रांति मोर्चा के नेता दिलीप पाटील ने सवाल किया कि मुलाकात का समय किसने बदला? बैठक का समय बदलने का दबाव किसने डाला? मराठी क्रांति मोर्चा के नेता ने मामले की जांच की मांग की है।
पाटील ने कहा कि कल सुबह बैठक होने का संदेश मिला। तब बताया गया कि आज शाम 4 बजे मीटिंग है। फिर शाम 7 बजे मैसेज आया कि दोपहर 12 बजे मीटिंग है। इस बैठक में महाराष्ट्र के मराठा प्रतिनिधियों को शामिल होना था। इस समय मेटे साहब बीड में थे। दिलीप पाटील ने कहा कि वे इतने कम समय में इतनी दूरी कैसे तय कर सकते थे? किसी के कहने पर बैठक का समय बदला गया। यह किसी के दबाव में किया गया है। इसकी जांच होनी चाहिए।
वहीं, शिवसेना सांसद अरविंद सांवत ने दुर्घटना की जांच की मांग की और सवाल किया कि मेटे को एक संक्षिप्त अवधि का नोटिस देकर (मराठा आरक्षण पर) बैठक में शामिल होने के लिए मुंबई बुलाया गया था।
गौरतलब हो कि विनायक मेटे मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभा रहे थे और वह बीड से इस बैठक में शामिल होने के लिए आ रहे थे तभी उनकी एसयूवी सुबह करीब पांच बजे मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर एक वाहन से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। पुलिस ने मेटे के ड्राइवर एकनाथ कदम को हिरासत में लिया है। पुलिस कदम से पूछताछ कर रही है। इस मामले की जांच के लिए कम से कम आठ टीमों का गठन किया गया है। जिमसें फोरेंसिक टीम भी शामिल है।