मुंबई

अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को सता रहा अपनी हत्या का डर, कोर्ट में कहा- ‘डिप्रेशन में हूं’

Abu Salem : विशेष अदालत ने तलोजा जेल प्रशासन से कहा है कि अगले निर्देश तक अबू सलेम को किसी अन्य जेल में शिफ्ट न किया जाए।

मुंबईMay 19, 2024 / 07:44 pm

Dinesh Dubey

1993 Mumbai Serial Bomb Blast : 1993 मुंबई ब्लास्ट मामले के दोषी अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को अपनी हत्या का डर सता रहा है। इसलिए कुख्यात गैंगस्टर ने अदालत का दरवाया खटखटाया है। सलेम ने आशंका जताई है कि मुंबई के तलोजा जेल से उसे दूसरी जेल में शिफ्ट करने के बहाने उसका खात्मा किया जाएगा।

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अबू सलेम की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि तलोजा जेल के अधिकारी सुरक्षा कारणों से अंडा सेल को तोड़ने या मरम्मत करने के बहाने उसे दूसरी जेल में शिफ्ट करने की योजना बना रहे हैं। उसने अपनी याचिका में दावा किया की वह इस डर की वजह से डिप्रेशन का शिकार हो गया है।

दूसरी जेल में मारने की योजना- सलेम

एक विशेष अदालत ने तलोजा जेल के अधिकारियों को 1993 के मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट के दोषी अबू सलेम को अगले आदेश तक दूसरी जेल में शिफ्ट नहीं करने का निर्देश दिया है।
प्रत्यर्पित गैंगस्टर ने अपनी जान को खतरा बताते हुए हाल ही में अदालत का रुख किया। सलेम ने तलोजा सेंट्रल जेल अधीक्षक को निर्देश देने की मांग की कि उसे किसी अन्य जेल में शिफ्ट नहीं किया जाए। उसने दावा किया कि दूसरी जेल में उसकी जान को खतरा है।
19 साल पहले पुर्तगाल से प्रत्यर्पण के बाद से सलेम जेल में बंद है। उसने आशंका जताई कि जैसे-जैसे उसकी रिहाई का दिन करीब आ रही है, उसे अन्य जेल में शिफ्ट करके के बहाने मारने की साजिश रची जा रही है।

डर के कारण डिप्रेशन में हूं- सलेम

याचिका में सलेम ने अपने ऊपर हुए पिछले दो हमलों का भी जिक्र किया है। जिसमें आर्थर रोड जेल में सालेम पर गैंगस्टर और सह-दोषी मुस्तफा दोसा की ओर से कराया हमला भी शामिल है।
अपनी याचिका में सालेम ने कहा है कि दोसा भले अब जीवित नहीं है, लेकिन उसके साथी और छोटा राजन के सहयोगी मुंबई सेंट्रल जेल, औरंगाबाद सेंट्रल जेल, अमरावती सेंट्रल जेल और कोल्हापुर सेंट्रल जेल जैसी विभिन्न जेलों में बंद हैं। वह उसपर जेल अधिकारियों की मिलीभगत से हमला कर सकते है।
सालेम ने कहा कि अगर अंडा सेल के मरम्मत की जरुरत भी है तो उसे तलोजा सेंट्रल जेल के अंदर ही किसी अन्य सर्कल या बैरक या सुरक्षित स्थान पर रखा जा सकता है। क्योंकि तलोजा जेल बहुत बड़ा है।
अबू सालेम ने कहा कि वह पिछले 15 साल से तलोजा जेल में बंद हैं। इसलिए वह लगभग सभी कैदियों को जानता हैं। कोई भी कैदी किसी गैंगस्टर से जुड़ा नहीं है, इसलिए उसे किसी भी कैदी से गंभीर खतरा नहीं है। अगर उसे दूसरी जेल में भेजा जाएगा तो उसकी जान खतरे में पड़ सकती है। इस खौफ के कारण वह डिप्रेशन का शिकार हो रहा हैं।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने तलोजा जेल अधीक्षक से इस पर जवाब मांगा और मामले को 28 मई तक के लिए स्थगित कर दिया है।

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