शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को पांच बागी नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया। इन नेताओं में भिवंडी पूर्व के विधायक रूपेश म्हात्रे, विश्वास नांदेकर, चंद्रकांत घुगुल, संजय अवारी और प्रसाद ठाकरे शामिल हैं। आने वाले समय में और बागियों को उद्धव गुट बाहर का रास्ता दिखा सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाविकास अघाडी (MVA) के 14 नेताओं ने पार्टी के आदेश की अवहेलना करते हुए अपना नामांकन दाखिल किया था। एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी शामिल है।
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कांग्रेस की हुई किरकिरी
कांग्रेस उम्मीदवार मधुरिमा राजे छत्रपति नामांकन वापस लेने की समय सीमा समाप्त होने से कुछ मिनट पहले कोल्हापुर उत्तर की चुनावी दौड़ से पीछे हट गईं। इससे कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा। मधुरिमा राजे छत्रपति के दौड़ से बाहर होने से कांग्रेस पश्चिमी महाराष्ट्र के अपने गढ़ों में से एक में प्रतिनिधित्व के बिना रह गई। यह झटका तब लगा जब कांग्रेस ने इस सीट पर अपने पूर्व उम्मीदवार पूर्व पार्षद राजेश लाटकर को बदल दिया और उन्हें नामांकित किया, क्योंकि पार्टी कार्यालय में पूर्व पार्षद के विरोधियों द्वारा तोड़फोड़ की गई थी। मधुरिमा राजे छत्रपति कोल्हापुर सीट से लोकसभा सदस्य और शाही परिवार के सदस्य शाहू छत्रपति की बहू हैं। सूत्रों ने कहा कि लाटकर को नजरअंदाज किए जाने के कारण नकारात्मक प्रचार की वजह से वह शायद इस दौड़ से अलग हो गई हैं। कांग्रेस अब लाटकर का समर्थन कर सकती है, जो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
कांग्रेस के मुख्तार शेख ने पुणे के कस्बा पेठ विधानसभा क्षेत्र से नामांकन वापस ले लिया और पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार रवींद्र धांगेकर को समर्थन देने की घोषणा की। बता दें कि महाविकास आघाडी (एमवीए) में शामिल कांग्रेस 103 सीट पर चुनाव लड़ रही है। जबकि शिवसेना (यूबीटी) ने 89 उम्मीदवार उतारे हैं और एनसीपी (शरद पवार) ने 87 सीट पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं। एमवीए में शामिल कुछ छोटे दल राज्य की 288 सीट में से छह सीटों पर चुनावी मैदान में हैं। वहीं, तीन विधानसभा सीटों पर नामांकन वापसी के आखिरी दिन तक सस्पेंस बरकरार रहा।