मुखपत्र ‘सामना’ में आगे लिखा गया है कि इस संबंध में दिल्ली में एक हाई लेवल बैठक हुई। एक नियमावली तैयार कर महाराष्ट्र में लागू करने को कहा गया। लेकिन इस संकट के समय महाराष्ट्र में एक गैर जिम्मेदार सरकार बैठी है। कोरोना काल में राज्य के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने दो साल तक परिवार प्रमुख की तरह जनता का पूरा ख्याल रखा।
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आगे लिखा हैं कि तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सभी हॉस्पिटल जाकर हालात का जायजा लेकर जरूरी आदेश दिया करते थे। आज खसरा के संक्रमण से बच्चों के अभिभावक परेशान हैं। ऐसे में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री क्या कर रहे हैं? चीन में कोरोना लॉकडाउन के विरोध में जनता का गुस्सा सड़कों पर दिखाई दे रहा है, ऐसा मुंबई और महाराष्ट्र में दिखाई ना दे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ठाणे में खसरा रोकने गई महापालिका की टीम को लोगों ने काम करने से रोका है। खसरे के संक्रमण को लेकर सर्वेक्षण करने गई ठाणे महापालिका की टीम को ना केवल काम करने से रोका गया बल्कि उन्हें दौड़ा कर भगा दिया गया है। जब लोग खसरे के संक्रमण को लेकर सर्वे करने का विरोध करेगी तो खसरे के संक्रमण से कैसे निपटा जाए, यह एक बड़ी दिक्कत खड़ी हो गई है।
बता दें कि सर्वे करने गई महानगर पालिका की टीम पर ठाणे के मुंब्रा, कौसा, शील इलाकों में टीम पर अचानक कुछ लोगों ने हमला कर दिया, कुछ लोगों ने अधिकारियों और स्टाफ को देखकर जोर से दरवाजे बंद कर लिए, कुछ लोग घरों पर ताले लगाकर वहां से कहीं चले गए। ऐसे में खसरे को संक्रमण को रोकने की मुहिम को आगे बढ़ाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। ठाणे के 6 स्पॉट में सर्वे शुरू है। इनमें से मुंब्रा के 4 स्पॉट हैं। यहां अब तक करीब 274 सैंपल लिए गए। इनमें से 54 में खसरे का संक्रमण पाया गया। 36 मरीजों को पार्किंग प्लाजा और 14 को कलवा हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती किया गया है।