जानकारी के मुताबिक, शनिवार रात त्र्यंबकेश्वर मंदिर में सुरक्षा गार्डों ने अलग धर्म के लोगों के एक समूह के प्रयास को विफल कर दिया, जिन्होंने मंदिर परिसर में जबरन घुसने की कोशिश की। मंदिर प्रबंधन के अनुसार, केवल हिंदुओं को ही भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक त्र्यंबकेश्वर मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति है। मंदिर ट्रस्ट ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
चादर चढ़ाने की कोशिश की
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच चल रही है। जबकि चार आरोपियों को गिरफ्तार करने की भी जानकारी सामने आ रही है। आरोप है कि 4-5 मुस्लिम युवकों ने कथित तौर पर मंदिर परिसर में प्रवेश करने और शिवलिंग पर चादर चढ़ाने की कोशिश की।
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चादर चढ़ाने की कोशिश की
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच चल रही है। जबकि चार आरोपियों को गिरफ्तार करने की भी जानकारी सामने आ रही है। आरोप है कि 4-5 मुस्लिम युवकों ने कथित तौर पर मंदिर परिसर में प्रवेश करने और शिवलिंग पर चादर चढ़ाने की कोशिश की।
त्र्यंबकेश्वर मंदिर में पहले भी हुई है ऐसी घटना
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और एसआईटी जांच के आदेश दिए है। डिप्टी सीएम कार्यालय ने एक बयान में कहा, “उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने त्र्यंबकेश्वर मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर इकट्ठा होने की कथित घटना पर प्राथमिकी दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है। उपमुख्यमंत्री ने इस घटना की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रैंक (एडीजी स्तर) के अधिकारियों के नेतृत्व में एसआईटी के गठन का आदेश दिया है। एसआईटी न केवल इस साल की घटना की जांच करेगी, बल्कि पिछले साल हुई ऐसी ही एक अन्य घटना की भी जांच करेगी।“
ब्राह्मण महासंघ ने दी आंदोलन की चेतावनी
ब्राह्मण महासंघ ने मामले की गहन जांच कर कार्रवाई की मांग की है। कार्रवाई नहीं होने पर ब्राह्मण महासंघ ने तीव्र आंदोलन की चेतावनी दी है। महाराष्ट्र के कई हिस्सों में तनाव है, वहीं त्र्यंबकेश्वर की इस घटना ने एक बड़ी साजिश की तरफ इशारा किया है।
मालूम हो कि महाराष्ट्र के अकोला शहर और शेगांव में हुई साम्प्रदायिक हिंसा मामले में 130 से ज्यादा आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। इस उपद्रव में विलास गायकवाड़ (40) की मौत हुई और 13 अन्य लोग घायल हुए है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पुलिस को अकोला और शेगांव में दंगों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक धार्मिक पोस्ट को लेकर अकोला के संवेदनशील ओल्ड सिटी इलाके में शनिवार रात को हिंसा हुई। वहीँ, अहमदनगर जिले के शेगांव में रविवार रात संभाजी महाराज के जयंती जुलूस को लेकर हुए संघर्ष में कम से कम 5 लोग घायल हो गए। अकोला में 100 से अधिक जबकि शेगांव में 32 लोगों को हिरासत में लिया गया है।