मुंबई पुलिस की ओर से ठगी की शिकायत दर्ज करने के बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच आगे बढ़ाते हुए कार्रवाई शुरू की है। अधिकारियों ने कहा कि ईडी ने भौतिक और डिजिटल दस्तावेज इकट्ठा करने के लिए मुंबई और जयपुर में लगभग एक दर्जन स्थानों पर तलाशी ली। बताया जा रहा है कि कंपनी ने पीड़ितों से सोना, चांदी और मोइसानाइट स्टोन (Moissanite Stones) यानी लैब में बने हीरे की खरीद पर समान राशि पर क्रमशः 48, 96 और 520 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न देने का वादा किया था।
2023 में पंजीकृत कंपनी प्लेटिनम हेरेन प्राइवेट लिमिटेड ने 2024 में ‘टोरेस’ ब्रांड के तहत दादर में 30 हजार वर्ग फुट का आउटलेट खोला। इसके बाद कंपनी ने मुंबई और ठाणे के कई जगहों पर आउटलेट खोले।
8 आरोपी विदेश भागे
इस मामले में सात यूक्रेनियन सहित 12 आरोपी बताए जाते हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट में मुंबई पुलिस ने जानकारी दी है कि अभियुक्तों में से सात यूक्रेनियन और एक भारतीय 30 दिसंबर 2024 से पहले भारत छोड़कर विदेश भाग गए हैं। इस खुलासे के बाद कोर्ट ने ढिलाई बरतने के लिए पुलिस की तीखी आलोचना की है।
पुलिस को फटकार
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोखले की बेंच ने कहा कि पुलिस ने तत्परता से काम नहीं किया। पुलिस को सजग रहकर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। कोर्ट इस मामले में विशेष जांच दल (एसआइटी) गठन पर विचार कर रही है।
रिटर्न मिलना हुआ बंद
टोरेस ब्रांड के स्वामित्व वाली एक आभूषण कंपनी पर पोंजी और मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) योजनाओं का इस्तेमाल कर निवेशकों से करोड़ों रुपए ठगने का आरोप है। यह घोटाला तब सामने आया जब इस महीने की शुरुआत में दादर (पश्चिम) में कंपनी के एक स्टोर पर सैकड़ों निवेशक इकट्ठा हुए, क्योंकि कंपनी ने उन्हें वादा की गई रकम देना बंद कर दिया था। पुलिस ने अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक उज्बेकिस्तान का नागरिक तजागुल ज़ासातोव, एक रूसी नागरिक वैलेंटिना गणेश कुमार, और सर्वेश सुर्वे शामिल हैं।