पूर्व मंत्री नवाब मलिक ने कहा, “मुझे पता नहीं कि किसकी राजनीति क्या है… मेरा पूरा ध्यान मेरी और मेरी बेटी की विधानसभा सीट पर है… महाराष्ट्र में जो राजनीति चल रही है उससे जनता भी पूरी तरह से कन्फ्यूज है… महायुति के लोग मुझसे कितना प्यार करते हैं ये देश और महाराष्ट्र की जानता को पता है, लेकिन मैं ये साफ कर दूं कि मानखुर्द शिवाजी नगर क्षेत्र में महायुति के पास मात्र 28,000 वोट हैं और उन्हें पता है कि इस बार वे जीत नहीं सकते…”
एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने आगे कहा, “हमारी लड़ाई इस विधानसभा क्षेत्र में किसी व्यक्ति या दल से नहीं है बल्कि हमारी लड़ाई पूरी तरह से व्यवस्था के खिलाफ है… जनता हमें बुलाकर चुनाव लड़वा रही है… इस चुनाव में पूरे महाराष्ट्र में किसी की भी एकतरफा लहर नहीं है… इसलिए नतीजा कुछ भी आ सकता है।”
उन्होंने कहा, “अजित पवार ने यह निर्णय लिया कि जनता की मांग पर मैं चुनाव लड़ूं… मेरी लड़ाई सीधे आजमी से है.. उनके खिलाफ लोगों में गुस्सा और नाराजगी है, इसे देखते हुए मुझे पूरा विश्वास है कि मैं इस चुनाव को बड़े अंतर से जीतूंगा। लोग मुझसे जुड़े हुए हैं क्योंकि मैं उनके मुद्दों को उठाता हूं… हम नशाखोरी, ड्रग्स, और गुंडागर्दी के खिलाफ और अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था, शिक्षा और बुनियादी व्यवस्था के निर्माण के लिए चुनाव लड़ रहे हैं… जनता का गुस्सा है और यहां बदलाव होकर रहेगा।”
दिलचस्प बात यह है कि अजित पावर की एनसीपी उस महायुति गठबंधन का हिस्सा है, जिसमें बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) भी है। इसी सीट पर शिंदे सेना का भी अधिकारिक उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है। हालांकि बीजेपी ने साफ कहा है कि वह नवाब मलिक के लिए वोट नहीं मागेंगे और सिर्फ शिवसेना उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगे।