एनसीपी (शरद पवार) में शामिल होने के बाद पूर्व सपा नेता फहाद अहमद ने कहा, “मैं पहले नेतृत्व दल से मुलाकात करूंगा उसके बाद कुछ कहूंगा… एनसीपी-एससीपी की विचारधारा समाजवादी पार्टी की विचारधारा से अलग नहीं है। मैं शरद पवार साहब का धन्यवाद करूंगा कि उन्होंने अखिलेश यादव से पूछा और कहा कि हम फहाद का नाम एनसीपी (एससीपी) के चिन्ह के साथ घोषित करना चाहते हैं…”
एनसीपी (एससीपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा, “फहाद अहमद एक सुशिक्षित युवा मुस्लिम युवक है और उसने देशभर में कार्यकर्ता के रूप में काम किया है। लोग चाहते हैं कि हम ऐसे नेताओं को मौका दें। वह पहले समाजवादी पार्टी में थे, लेकिन हमारी सपा से बातचीत हुई और वह हमारी पार्टी में आ गया। हमने उन्हें अणुशक्ति नगर निर्वाचन क्षेत्र से अपनी पार्टी से टिकट दिया है।”
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अजित पवार गुट के नेता नवाब मलिक वर्तमान में मुंबई की अणुशक्तिनगर से विधायक हैं। इसी सीट पर सपा भी चुनाव लड़ने को इच्छुक थी। खबर है कि फहद अहमद अणुशक्तिनगर से चुनाव लड़ना चाहते थे। इसलिए सपा ने महाविकास अघाड़ी से अणुशक्ति नगर की सीट की मांग की थी। फहद अहमद दो साल पहले 2022 में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे। वह सपा यूथ विंग के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने छात्र संगठनों में काम किया हुआ है। फहद पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों के फीस माफी आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे।
मुंबई में अणुशक्तिनगर निर्वाचन क्षेत्र का गठन 2008 में हुआ। इसके बाद 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में नवाब मलिक इस सीट से चुने गए थे। पांच साल बाद 2014 में हुए चुनाव में इस सीट पर नवाब मलिक को शिवसेना के तुकाराम काटे ने हरा दिया। फिर 2019 के विधानसभा चुनाव में नवाब मलिक अणुशक्तिनगर से दोबारा जीते। लेकिन इस बार के चुनाव में नवाब मलिक का टिकट काटकर उनकी जगह उनकी बेटी को अजित पवार गुट ने उम्मीदवारी दी है। हालांकि नवाब मलिक ने कहा कि वह अपने सीट पर इस बार भी चुनाव लड़ेंगे और 29 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करेंगे.
दरअसल नवाब मलिक पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। इसके लिए उन्हें कई महीने जेल में भी रहना पड़ा और वह अभी खराब सेहत के चलते जमानत पर जेल से बाहर है। बीजेपी मलिक का खुलकर विरोध कर रही है। माना जा रहा है कि इसी वजह से अजित पवार की पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार नहीं बनाया।