मुंबई में ईडी कार्यालय के बाहर भारी सुरक्षा तैनात की गई है। एक अधिकारी ने बताया कि रोहित पवार से कथित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले में दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के संबंध में पूछताछ की जाएगी। पवार आज सुबह करीब साढ़े 10 बजे दक्षिण मुंबई के बेलार्ड एस्टेट स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उनके साथ एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और पार्टी के अन्य नेता व कार्यकर्ता थे। सभी जांच एजेंसी के कार्यालय के प्रवेश द्वार तक रोहित पवार के साथ गए।
मैं डरने वाला नहीं- पवार
रोहित पवार ने कहा कि उन्होंने पहले भी जांच में एजेंसियों के साथ सहयोग किया है और भविष्य में भी ऐसा करेंगे। ईडी अधिकारी अपना काम कर रहे हैं। उन्होंने जो भी दस्तावेज मांगे हैं, हमने उन्हें दे दिया है। मैं उनके सामने पेश होऊंगा और वे जो भी जानकारी मांग रहे हैं, मैं उन्हें दूंगा। मैं हर संभव तरीके से उनका सहयोग करने के लिए तैयार हूं। अगर यह सब मुझ पर दबाव बनाने के लिए किया गया है तो उन्होंने यह प्रयोग गलत व्यक्ति पर किया है। मैं किसी से नहीं डरता. मुझे नहीं लगता कि वे मुझे गिरफ्तार करेंगे लेकिन हम लड़ेंगे।
हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं- सुले
वहीं, एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा, जांच पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए. मुझे ईडी पर पूरा भरोसा है और मुझे यकीन है कि वे रोहित का पक्ष सुनेंगे। हम सभी एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करने जा रहे हैं क्योंकि हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। सरकार के आंकड़े के मुताबिक ही आईटी, सीबीआई और ईडी के 95% मामले उन लोगों पर दर्ज हैं जो विपक्षी दलों में हैं। अगर हमने कुछ गलत नहीं किया है तो जांच के दबाव में आने का सवाल ही नहीं उठता है… सत्यमेव जयते…।
शरद पवार का आशीर्वाद लिया
केंद्रीय जांच एजेंसी के दफ्तर जाने से पहले रोहित पवार एनसीपी कार्यालय गए और शरद पवार से मुलाकात की, उनके पैर छुए और पार्टी के अन्य नेताओं से भी बातचीत की। उन्होंने विधान भवन का भी दौरा किया और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा और भारतीय संविधान की पट्टिका को नमन किया।
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मैं डरने वाला नहीं- पवार
रोहित पवार ने कहा कि उन्होंने पहले भी जांच में एजेंसियों के साथ सहयोग किया है और भविष्य में भी ऐसा करेंगे। ईडी अधिकारी अपना काम कर रहे हैं। उन्होंने जो भी दस्तावेज मांगे हैं, हमने उन्हें दे दिया है। मैं उनके सामने पेश होऊंगा और वे जो भी जानकारी मांग रहे हैं, मैं उन्हें दूंगा। मैं हर संभव तरीके से उनका सहयोग करने के लिए तैयार हूं। अगर यह सब मुझ पर दबाव बनाने के लिए किया गया है तो उन्होंने यह प्रयोग गलत व्यक्ति पर किया है। मैं किसी से नहीं डरता. मुझे नहीं लगता कि वे मुझे गिरफ्तार करेंगे लेकिन हम लड़ेंगे।
हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं- सुले
वहीं, एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा, जांच पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए. मुझे ईडी पर पूरा भरोसा है और मुझे यकीन है कि वे रोहित का पक्ष सुनेंगे। हम सभी एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करने जा रहे हैं क्योंकि हमारे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। सरकार के आंकड़े के मुताबिक ही आईटी, सीबीआई और ईडी के 95% मामले उन लोगों पर दर्ज हैं जो विपक्षी दलों में हैं। अगर हमने कुछ गलत नहीं किया है तो जांच के दबाव में आने का सवाल ही नहीं उठता है… सत्यमेव जयते…।
शरद पवार का आशीर्वाद लिया
केंद्रीय जांच एजेंसी के दफ्तर जाने से पहले रोहित पवार एनसीपी कार्यालय गए और शरद पवार से मुलाकात की, उनके पैर छुए और पार्टी के अन्य नेताओं से भी बातचीत की। उन्होंने विधान भवन का भी दौरा किया और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा और भारतीय संविधान की पट्टिका को नमन किया।
रोहित पवार के ईडी कार्यालय में जाने से पहले सुले ने उन्हें भारतीय संविधान की एक प्रति सौंपी। सुले ने रोहित पवार को गले लगाया और रोहित ने उनके पैर छुए। इस दौरान राज्यभर से आये सैकड़ों एनसीपी कार्यकर्ताओं ने रोहित पवार के समर्थन में नारे लगाए और ईडी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
क्या है मामला?
38 वर्षीय पवार कर्जत-जामखेड सीट से एनसीपी विधायक हैं। वह बारामती एग्रो के मालिक और सीईओ भी हैं। पहली बार विधायक निर्वाचित हुए रोहित एनसीपी शरद पवार गुट में हैं। एमएससीबी से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की अगस्त 2019 की प्राथमिकी पर आधारित है।
क्या है मामला?
38 वर्षीय पवार कर्जत-जामखेड सीट से एनसीपी विधायक हैं। वह बारामती एग्रो के मालिक और सीईओ भी हैं। पहली बार विधायक निर्वाचित हुए रोहित एनसीपी शरद पवार गुट में हैं। एमएससीबी से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की अगस्त 2019 की प्राथमिकी पर आधारित है।
यह मामला तब दर्ज किया गया था जब बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सहकारी क्षेत्र की मिलों को फर्जी तरीके से चीनी बेचने के आरोपों की जांच करने का आदेश जारी किया था। यह भी आरोप था कि चीनी को औने-पौने दाम पर बेचा गया था।