एनसीपी नेता छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) ने एनसीपी के दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाये जाने पर कहा, “एनसीपी में काम का बंटवारा किया गया है, जिससे आगामी चुनाव और मजबूती से लड़ा जा सके। सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है ताकि चुनाव कार्य, राज्यसभा और लोकसभा के कार्य को विभाजित किया जा सके। चुनाव नजदीक होने के कारण उनके कंधों पर ज्यादा जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह 2024 के लोकसभा चुनाव के काम को संभालने के लिए है।“
‘NCP एकजुट है’
महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजित पवार को लेकर पूछे गए सवाल पर भुजबल ने कहा, “अजित पवार के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी पहले से ही है। विरोधी पक्ष के नेता की हैसियत से अजित के कंधों के ऊपर महाराष्ट्र में फिर से एनसीपी की सरकार बनाने की जिम्मेदारी है। पार्टी में कोई नाराजगी नहीं है और गुटबाजी की खबर अफवाह है। पूरी एनसीपी एकजुट है।”
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‘NCP एकजुट है’
महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजित पवार को लेकर पूछे गए सवाल पर भुजबल ने कहा, “अजित पवार के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी पहले से ही है। विरोधी पक्ष के नेता की हैसियत से अजित के कंधों के ऊपर महाराष्ट्र में फिर से एनसीपी की सरकार बनाने की जिम्मेदारी है। पार्टी में कोई नाराजगी नहीं है और गुटबाजी की खबर अफवाह है। पूरी एनसीपी एकजुट है।”
वहीँ, अजित पवार को पार्टी का कोई पद नहीं देने के सवाल पर एनसीपी के महाराष्ट्र प्रमुख जयंत पाटिल (Jayant Patil) ने कहा, शरद पवार के फैसले में परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया गया है। जबकि पार्टी को बढ़ाने की कोशिश की गई है। अजित पवार पर पहले से महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष के तौर पर बड़ी जिम्मेदारी है।
तेवर दिखा चुके अजित पवार दरकिनार!
एनसीपी की 25वीं वर्षगांठ पर दिल्ली में आयोजित पार्टी कार्यक्रम में शरद पवार ने बड़ा ऐलान किया। पवार ने सुप्रिया सुले को न केवल एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया, बल्कि महाराष्ट्र चुनाव की जिम्मेदारी भी उन्हें सौंप दी। जबकि अजित पवार को पार्टी की कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। सुप्रिया को महाराष्ट्र के साथ पंजाब, हरियाणा का भी प्रभार दिया गया है। वहीँ, प्रफुल पटेल को मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, झारखंड और गोवा की कमान सौंपी गई है।
शरद पवार ने भतीजे अजित पवार को फिलहाल कोई जिम्मेदारी नहीं दी है। इसलिए हैरानी जताई जा रही है और छोटे पवार को साइडलाइन करने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। पहले खबर आई थी कि शरद पवार दिल्ली में सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र में अजित पवार को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपेंगे। हालांकि, सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर पवार ने उन्हें महाराष्ट्र चुनाव की सारी जिम्मेदारी दे दी। जबकि कई मौकों पर अजित पवार ने महाराष्ट्र की राजनीति में दिलचस्पी होने की बात खुलकर कही थी।
दो कार्यकारी अध्यक्ष क्यों?
82 वर्षीय शरद पवार को उलझी सियासी बिसात पर सही मोहरे चलकर बाजी पलटने में महारत हासिल है। जमीन से जुड़े बेहद अनुभवी नेता पवार के इस निर्णय के कई मायने निकाले जा रहे है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को पार्टी में अहम जिम्मेदारी देकर पवार ने पार्टी में ‘पॉवर’ को संतुलित करने की कोशिश की है। ताकि किसी भी संभावित विद्रोह को होने से पहले ही कुचल दिया जाये। इससे पार्टी पर शरद पवार की पकड़ भी मजबूत होगी और भविष्य में बेटी को एनसीपी की कमान देने में भी आसानी होगी।
दो कार्यकारी अध्यक्ष क्यों?
82 वर्षीय शरद पवार को उलझी सियासी बिसात पर सही मोहरे चलकर बाजी पलटने में महारत हासिल है। जमीन से जुड़े बेहद अनुभवी नेता पवार के इस निर्णय के कई मायने निकाले जा रहे है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को पार्टी में अहम जिम्मेदारी देकर पवार ने पार्टी में ‘पॉवर’ को संतुलित करने की कोशिश की है। ताकि किसी भी संभावित विद्रोह को होने से पहले ही कुचल दिया जाये। इससे पार्टी पर शरद पवार की पकड़ भी मजबूत होगी और भविष्य में बेटी को एनसीपी की कमान देने में भी आसानी होगी।