जस्टिस एएस बोपन्ना (AS Bopanna) की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रदीप शर्मा को जमानत दी। 5 जून को भी शीर्ष कोर्ट ने प्रदीप शर्मा को उनकी पत्नी के खराब स्वास्थ्य के कारण तीन सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। अपनी याचिका में प्रदीप शर्मा ने कहा कि उनकी पत्नी की स्वास्थ्य स्थिति हर गुजरते दिन के साथ बिगड़ती जा रही है और उन्हें तत्काल सर्जरी की सख्त जरूरत है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों से भरी एसयूवी मिलने और उसके बाद मनसुख हीरेन की हत्या के मामले में रिटायर्ड वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार किया था। हीरेन मुंबई के करीब ठाणे स्थित कार एक्सेसरीज़ दुकान का मालिक था। एंटीलिया बम कांड से हिरेन का कनेक्शन होने के सबूत मिले थे।
जून 2021 में अन्य आरोपियों के बयान और सबूतों के आधार पर प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार किया गया। शर्मा ने मामले में खुद को निर्दोष बताया था और दावा किया था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। शर्मा ने खुद को इस मामले में फंसाए जाने का आरोप लगाया है। हालाँकि, उनकी कई जमानत याचिकाएं बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने खारिज कर दी थीं।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में जाने जाने वाले प्रदीप शर्मा को मुंबई पुलिस के बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे (Sachin Vaze) का करीबी माना जाता है। वाजे को भी केंद्रीय एजेंसी ने एंटीलिया बम कांड और मनसुख हिरेन हत्या मामले में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में गिरफ्तार किया है।
प्रदीप शर्मा ने 1983 में सब-इंस्पेक्टर के रूप में मुंबई पुलिस ज्वाइन किया। मुंबई अंडरवर्ल्ड से संबंधित 300 से अधिक मुठभेड़ों में शामिल रहे हैं। जिनमें से 113 एनकाउंटर उनके नाम पर दर्ज हैं।
मालूम हो कि दक्षिण मुंबई में अंबानी के घर के बाहर 25 फरवरी 2021 को खड़ी एक स्कॉर्पियो में विस्फोटक सामग्री मिली थी। हिरेन ने तब दावा किया था कि वह उसकी गाड़ी है और चोरी हो गयी थी। कुछ दिन बाद 5 मार्च को हिरेन का शव ठाणे क्रीक (Thane Creek) में बरामद हुआ था। इस मामले में शर्मा और वाजे के अलावा अन्य आरोपियों में बर्खास्त पुलिसकर्मी रियाजुद्दीन काजी (Riyazuddin Qazi), विनायक शिंदे और सुनील माने शामिल हैं।